Bollywood के मशहूर सिंगर (Singer) और संगीतकार (Music Director) बप्पी लाहिरी (Bappi Lahiri) अब हमारे बीच नहीं रहे। जानकारी मिल रही है कि मुंबई (Mumbai) में जुहू के क्रिटी केयर अस्पताल में 15 फरवरी की रात के 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 69 साल के थे। बप्पी दा लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज क्रिटी केयर अस्पताल में चल रहा था। पिछले साल बप्पी दा को कोरोना वायरस ने भी संक्रमित किया था। उनकी पत्नी का नाम चित्राणि लाहिरी और उनकी दो संतानों का नाम बप्पा लाहिरी और रेमा लाहिरी है।
OSA के कारण हुआ निधन
अस्पताल के निदेशक डॉ. दीपक नामजोशी ने पीटीआई को बताया कि “लाहिरी को एक महीने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनके परिवार ने एक डॉक्टर को उनके घर बुलाया। उन्हें फिर अस्पताल लाया गया। उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं। आधी रात से कुछ समय पहले ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) के कारण उनकी मृत्यु हो गई।“
सोना और चश्मे से था बेहद लगाव
बप्पी लहिरी को सोना पहनना और हमेशा चश्मा लगाकर रखना बेहद पसंद था। गले में सोने की मोटी-मोटी चेन और हाथ में बड़ी-बड़ी अंगूठियां समेत सोने के ढेर सारे गहने पहनना उनकी पहचान थी। बप्पी लहिरी को बॉलीवुड का पहला रॉक स्टार सिंगर भी कहा जाता है। बप्पी दा का जन्म 17 नवंबर 1952 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था। उनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी है। तीन साल की उम्र में उन्होंने तबला बजाना शुरू कर दिया था व जब वे 14 साल के हुए तो पहला संगीत दिया।
शराबी फिल्म के लिए मिला था बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्म फेयर अवार्ड
बप्पी दा ने अमर संगीत, आशा ओ भालोबाशा, अमर तुमी, अमर प्रेम, मंदिरा, बदनाम, रक्तलेखा, प्रिया जैसी बंगाली फिल्मों में हिट गाने दिए। वह 1980 और 1990 के दशक में वर्दत, डिस्को डांसर, नमक हलाल, शराबी, डांस डांस, कमांडो, साहेब, गैंग लीडर, सैलाब जैसे फिल्मी साउंडट्रैक के साथ लोकप्रिय हुए थे। बप्पी दा ने साल 1985 में फिल्म ‘शराबी’ के लिए बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता था। कहा जाता है कि बॉलीवुड में उनका आखिरी गाना फिल्म ‘बागी’ का ‘भंकस’ था।