Bollywood news : कमाल अमरोही की फिल्म ‘पाक़ीज़ा‘ को जितना मीना कुमारी की उम्दा एक्टिंग के लिए याद किया जाता है, उतना ही फिल्म के गाने और दिलचस्प किस्सों के लिए भी याद किया जाता है। यह ब्लॉकबस्टर फिल्म उनके करियर की आखिरी फिल्म थी। सालों बाद लोग आज भी इस फिल्म को भूल नहीं पाये हैं। आज हम आपको इस फिल्म से जुड़ा ही एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जब सेट पर मीना कुमारी नशे में धुत हो गयी थीं और बेहोश होकर गिर पड़ी थीं। आइए, जानते हैं…
सभी फिल्मों में शानदार अभिनय किया
अपने एक्टिंग करियर में मीना कुमारी ने तकरीबन सभी फिल्मों में शानदार अभिनय किया और हिन्दी सिनेमा की ट्रेजेडी क्वीन बन गयीं। खास तौर पर साल 1972 में आयी ‘पाक़ीज़ा‘ तो उनके करियर की सबसे यादगार फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में निभाया मीना कुमारी का किरदार अमर हो गया था। फिल्म में मीना कुमारी और राजकुमार की केमिस्ट्री को भी काफी पसंद किया गया था। खासतौर पर इस फिल्म के गाने ‘चलो दिलदार चलो चांद के पार चलो’, ‘इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा’, ‘ठाढे रहियो ओ बांके यार रे’, ‘चलते चलते यूं ही कोई मिल गया था’, ‘आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे’, ‘मौसम है आशिकाना’ इन गानों को लोग आज भी गुनगुनाते हैं। इसी फिल्म के एक गाने के दौरान मीना कुमारी सेट पर बेहोश हो गयी थीं।
सेट पर नशे में बेहोश हो गयी थीं मीना कुमारी
यूं तो मीना कुमारी के अभिनय से सजी फिल्म ‘पाक़ीज़ा’ अक्सर किसी ना किसी वजह से आज भी चर्चा में रहती है। विशेषत:, यह फिल्म मीना कुमारी और शूटिंग के दौरान के कुछ किस्सों को लेकर अक्सर याद की जाती है। इस फिल्म की शूटिंग होने तक मीना कुमारी शराब पीने की आदी हो चुकी थीं। इसका असर उनकी सेहत पर पड़ा। एक बार फिल्म का एक गाना शूट करते वक्त मीना कुमारी ने इतनी शराब पी ली थी कि उनकी हालत खराब हो गयी थी। वह सेट पर ही गाने के बीच में बेहोश होकर गिर पड़ी थीं। हालांकि, बाद में किसी तरह गाने का बाकी डांस सीक्वेंस उनके बॉडी डबल को लेकर शूट किया गया था।
फिल्म को बनने में लगे थे 14 साल
शायद ही ऐसा कभी हुआ कि किसी फिल्म को बनने में 14 साल लग गये हों। लेकिन, कमाल अमरोही अपनी फिल्म के साथ किसी तरह कोई समझौता नहीं चाहते थे। उन्होंने हर मुमकिन कोशिश की इस फिल्म को बेहतरीन बनाया जा सके और वह हुआ भी। बहुत कम लोग जानते हैं कि इस फिल्म के लिए मीना कुमारी ने सिर्फ एक रुपया फीस के तौर पर लिया था। इस फिल्म मेकिंग के दौरान इतने मोड़ आये कि फिल्म रिलीज होते-होते 14 साल लग गये थे। हिन्दी सिनेमा के इतिहास की कल्ट क्लासिक फिल्म ‘पाक़ीज़ा’ को कमाल ने 1958 में बनाना शुरू किया और यह साल 1972 में रिलीज हुई थी।
मीना कुमारी ने खुद को शराब में डुबो दिया
बता दें कि इस फिल्म की शूटिंग तक मीना कुमारी ने खुद को शराब में डुबो दिया था। शराब की इस लत की वजह से वह बीमार भी रहने लगी थीं। बीमारी की हालत में किसी तरह शूटिंग सेट पर पहुंचतीं, लेकिन कैमरा ऑन होते ही मीना सारे दुख-दर्द भुला कर अपने किरदार में डूब जाती थीं। वह अपने हर किरदार में जान डाल दिया करती थीं। शायद अन्दर के दर्द ने पर्दे पर ऐसा कमाल दिखाया कि ‘पाक़ीज़ा’ में मीना कुमारी का किरदार अमर हो गया।