– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

कई अर्हता पूरी करने के बाद भी एयरपोर्ट से आज तक वंचित है धनबाद, आज तक नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव गया ही नहीं

IMG 20220623 115109

Share this:

आइआइटी आइएसएम, सिंफर, खान सुरक्षा महानिदेशालय समेत बीसीसीएल का व्यापक क्षेत्र होने के बावजूद अबतक धनबाद एक अदद एयरपोर्ट से वंचित रहा है। एयरपोर्ट की अर्हता पूरी करने के बाद भी धनबाद अब तक इससे मररूम है। धनबाद में एयरपोर्ट की मांग पिछले कई वर्षों से उठती रही है। इसके नाम पर खूब राजनीतिक रोटी भी पकती रही है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि धनबाद से आज तक नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास धनबाद में एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव भेजा ही नहीं गया है, जबकि देशभर में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से नया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने की योजना है।

एयरपोर्ट के लिए प्रस्ताव भेजना जरूरी होता है

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यह जानकारी धनबाद के पूर्व पार्षद निर्मल मुखर्जी के उस पत्र के जवाब में दी है, जिसमें मुखर्जी ने धनबाद में एयरपोर्ट बनाने की बात लिखी थी। मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि भारत सरकार की पूरे देश में राज्य सरकारों के साथ मिलकर न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित करने की योजना है। इसके लिए जमीन चयन के साथ ही सरकार का प्रस्ताव भी जरूरी है।

धनबाद में एयरपोर्ट बनने की कोई संभावना नहीं

पत्र में लिखा है कि नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए दो बातें महत्वपूर्ण है। पहला यह कि एयरपोर्ट के लिए साइट क्लीयरेंस होना जरूरी है, इसके अलावा प्रस्ताव भी चाहिए। धनबाद के मामले में मंत्रालय को अभी तक ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित करने के लिए किसी भी तरह का प्रस्ताव नहीं मिला है। इसलिए यहां एयरपोर्ट बनाने की संभावना नहीं हैं। मंत्रालय के इस जवाब के बाद धनबाद के लोगों के उम्मीदों को गहरा झटका लगा है। धनबाद के लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों ने मंत्रालय तक बात पहुंचाई ही नहीं। सांसद पीएन सिंह समेत तमाम विधायक चुपचाप बैठे रहे। पूर्व पार्षद निर्मल मुखर्जी के अनुसार, धनबाद की जनता छला हुआ महसूस कर रही है। वोट देकर जिन्हें लोगों ने सांसद और विधायक चुना है, उन्होंने धनबाद के लिए कुछ किया ही नहीं। पड़ोस के जिलों में एयरपोर्ट और एम्स जैसे संस्थान चले जा रहे हैं, लेकिन हम हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

Share this:




Related Updates


Latest Updates