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बिहार में एनएच-139 डब्ल्यू के साहेबगंज -अरेराज-बेतिया खंड पर चार लेन निर्माण को मंजूरी

बिहार में एनएच-139 डब्ल्यू के साहेबगंज -अरेराज-बेतिया खंड पर चार लेन निर्माण को मंजूरी

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New Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग-139 डब्ल्यू के साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड के हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) पर 4-लेन निर्माण को मंजूरी दे दी। इस परियोजना की कुल लंबाई 78.942 किलोमीटर होगी। इसकी अनुमानित लागत 3,822.31 करोड़ रुपये है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि परियोजना के तहत केसरिया बुद्ध स्तूप (साहेबगंज), सोमेश्वरनाथ मंदिर (अरेराज), जैन मंदिर और विश्व शांति स्तूप (वैशाली), महावीर मंदिर (पटना) जैसे प्रमुख विरासत और बौद्ध पर्यटन स्थलों तक पहुंच में सुधार होगा। यह सात प्रधानमंत्री गति शक्ति आर्थिक केंद्रों, छह सामाजिक केंद्रों, आठ लॉजिस्टिक केंद्रों और नौ प्रमुख पर्यटन व धार्मिक केंद्रों को जोड़ते हुए बिहार के बौद्ध सर्किट और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन क्षमता को मजबूत करेगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग-139 डब्ल्यू वर्तमान में भीड़भाड़ वाले और ज्यामितीय रूप से कमजोर वैकल्पिक मार्गों से गुजरने वाले क्षेत्रों में उच्च गति संपर्क प्रदान करेगा। यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग-31, राष्ट्रीय राजमार्ग-722, राष्ट्रीय राजमार्ग-727, राष्ट्रीय राजमार्ग-27 और राष्ट्रीय राजमार्ग-227ए के लिए भी महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी का काम करेगी। प्रस्तावित ग्रीनफील्ड मार्ग औसत 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति का समर्थन करेगा, जिससे साहेबगंज और बेतिया के बीच यात्रा का समय मौजूदा 2.5 घंटे से घटकर केवल 1 घंटा रह जाएगा।

इस 78.94 किलोमीटर लंबी परियोजना से लगभग 14.22 लाख मानव-दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 17.69 लाख मानव-दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है। परियोजना के आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

यह परियोजना उत्तर बिहार के वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिलों को भारत-नेपाल सीमा से जुड़े क्षेत्रों तक जोड़ेगी। परियोजना लंबी दूरी के माल यातायात को बढ़ावा देगी, बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार करेगी और कृषि, औद्योगिक तथा सीमा पार व्यापार मार्गों से संपर्क मजबूत करेगी।

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