National news, National update, New Delhi news, new Delhi news, health news: महिलाओं के लिए मेमोग्राफी क्यों आवश्यक है, यह हर आम और खास को जानना जरूरी है। दरअसल, मेमोग्राफी से स्तन में कैंसर की शुरुआती स्थिति का पता चल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार 40 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाओं को दो से तीन साल में एक बार और 50 वर्ष से अधिक की महिलाओं को साल में कम से कम एक बार मेमोग्राफी जरूर करवानी चाहिए। महिलाओं में 80 से 85 प्रतिशत कैंसर एवं गांठ मालूम पड़ने के करीब दो वर्ष पहले उच्च तकनीक मेमोग्राफी से यह पता चल जाता है। आइये और जानें….
काफी एडवांस है डिजिटल मेमोग्राफी
मेमोग्राफी से शुरुआती गांठ की जानकारी मिलने पर आगे की जांच की जाती है, जिससे महिला का उचित इलाज हो सके। इस गांठ में कैंसर है या नहीं, इसके लिए सोनोग्राफी, एमआरआई या बायोप्सी द्वारा पता लगाया जा सकता है। बहरहाल, जांच कराने की दो विधियां प्रचलित हैं। पहली स्क्रीनिंग और दूसरी डायग्नोस्टिक। स्क्रीनिंग मेमोग्राफी उन महिलाओं की होती है, जिन्हें कोई तकलीफ नहीं या कभी स्तन में दर्द महसूस होता हो और बना रहता हो। डायग्नोस्टिक मेमोग्राफी उन महिलाओं की जाती है जिन्हें स्तनों में तकलीफ हो जैसे स्तन में स्राव या गांठ आदि। डिजिटल मेमोग्राफी में कम्प्यूटर की सहायता से स्तन में आए बदलाव को अच्छी तरह से देखा और पढ़ा जा सकता है। यह तकनीक काफी एडवांस है।
हो सकता है हल्का दर्द, पर न हों परेशान…
मेमोग्राफी में अत्याधुनिक लो-एनर्जी एक्स-रे मशीन का उपयोग होता है। स्तन को मशीन में नीचे स्थित एक्सरे-प्लेट पर सीधा रखा जाता है, फिर उसके ऊपर दूसरी प्लेट रखकर स्तन को हल्के से दबाया जाता है फिर एक्स-रे लिया जाता है। स्तन के अक्सर अलग-अलग कोणों से 3-4 एक्स-रे लिए जाते हैं, फिर इस रिपोर्ट को स्पेशलिस्ट बारीकी से परीक्षण कर रिपोर्ट देते हैं। मेमोग्राफी कराते समय स्तन में हल्का दर्द होता है। ऐसे में परेशान नहीं होना चाहिए।
इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
✓महिलाओं को मेमोग्राफी पीरियड शुरू होने के एक सप्ताह पहले या पीरियड के दौरान नहीं करानी चाहिए क्योंकि इस दौरान स्तन में थोड़ी सूजन और एवं दर्द होता है।
✓ मेमोग्राफी कराते समय शरीर पर पहले से कोई परफ्यूम, डिओडरेंट या पाउडर का इस्तेमाल न करें, क्योंकि एक्स-रे में धब्बे आ सकते हैं जिससे परीक्षण में भटकाव आ सकता है।
✓कपड़े ढीले पहन कर जाएं, ताकि आसानी से वस्त्र ऊपर कर एक्सरे कराया जा सके। अगर आप कोई भी हार्मोंस की दवा लेती हैं तो परीक्षण से दो सप्ताह पूर्व उन्हें न लें।