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हेल्थ की देखभाल खुद आपकी जिम्मेदारी, नीले निशान को इग्नोर करना पड़ सकता है भारी, जानिए क्यों?

हेल्थ की देखभाल खुद आपकी जिम्मेदारी, नीले निशान को इग्नोर करना पड़ सकता है भारी, जानिए क्यों?

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Health tips, health alert, health news, ghar ka doctor, Lifestyle, problems and solution, Health care is your own responsibility, ignoring it can prove costly, know… : हेल्थ बुलंद है तो दुनिया आपके लिए सार्थक है। हेल्थ की देखभाल करना खुद आपकी जिम्मेदारी है। इग्नोर करना भविष्य के लिए भारी पड़ सकता है। देखने में आता है कि कुछ लोगों के शरीर में अक्सर बिना किसी चोट के नीले निशान पड़ जाते हैं। लेकिन, लोग इसको अधिक गंभीरता से नहीं लेते हैं। ऐसे में आपको यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे क्या कारण हो सकता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है और बिना चोट लगे शरीर में नीले चकत्ते पड़ जाते हैं, तो इसका कारण जानी और तुरंत निवारण कीजिए।

खून जमने की समस्या को समझें

ब्लड क्लॉटिंग यानी खून जमने की समस्या के कारण त्वचा पर नीले निशान पड़ जाते हैं। शरीर में नीला निशान पड़ना इस बात की ओर संकेत देता है कि आपकी बॉडी को उतना ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है, जितना जरूरी है। हांलाकि ऐसा क्यों होता है यह भी जानना बेहद जरूरी होता है। सरल शब्दों में आप साइनोसिस को इस तरह से समझ सकते हैं- जब आप नाखून काटते हैं, तो निर्जीव नाखून काटने पर दर्द नहीं होता है। लेकिन जैसे ही बढ़े हुए नाखून से आगे थोड़ा सा कट जाता है, तो दर्द होने के साथ ही खून आने लगता है। इसका अर्थ है कि शरीर की ऊपरी त्वचा के लेयर तक खून की सप्लाई होता है। वहीं ब्लड हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। ऐसे में शरीर के जिस हिस्से में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाता है, इसको साइनोसिस कहा जाता है।

हेमरेज और नील पड़ने में डिफरेंस

स्किन के अंदर खून जमने की प्रक्रिया एक तरह के हेमरेज होता है। आमतौर पर चोट लगने पर खून जम जाता है, जिस कारण शरीर में नीला, काला या लाल निशान पड़ जाता है। अगर खून की नलियों में से ब्लड बाहर की तरफ निकलता है और खून को मेंटेन रखने की क्षमता कम हो और यदि प्रोथोम्बिन और थोम्बिन कम हो जाता है। तो यह हेमरेज है। इस स्थिति में बॉडी के उस हिस्से में खून के थक्के बन जाते हैं। त्वता पर नीले निशान हैं, तो इसमें घबराने वाली बात नहीं हैं। यह स्किन पर दिखाई देने वाले नीले निशान हैं। शरीर में मौजूद ऐसे श्वेत रक्त कण यानी की WBC धीरे-धीरे खून के थक्कों को वहां से हटा देते हैं। लेकिन अगर दिल या दिमाग में ब्लड क्लॉटिंग हो जाती हैं, तो पल्मोनरी एम्बोलिज्म या ब्रेन हेमरेज की समस्या हो सकती है।

सर्दियों में बढ़ती है यह समस्या

आपके भी मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि आखिर सर्दियों के मौसम में ही त्वचा पर यह नीले निशान क्यों पड़ते हैं। तो इसका जवाब है कि सर्दियों में खून में ऑक्सीजन की सप्लाई कम या धीमी हो जाती है। इसके कारण त्वचा पर नीले निशान दिखाई देने लगते हैं। जिसको साइनोसिस कहा जाता है।

शरीर के किसी भी हिस्से जैसे पेट, गले, हाथ, पैर में साइनोसिस हो सकता है। वहीं कई बार दवाइयों के रिएक्शन के कारण भी त्वचा पर नीले निशान पड़ जाते हैं। साइनोसिस की स्थिति बनने पर शरीर में सबसे पहले ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। वहीं बॉडी में खून की कमी होने पर फोलिक एसिड युक्त चीजें डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। इससे जल्द आराम मिलता है।

पीरियड्स में पड़ते हैं नीले निशान

कई महिलाओं को माहवारी के दौरान भी शरीर में नीले निशान पड़ जाते हैं। तो बता दें कि ऐसा अधिक ब्लीडिंग की वजह से होता है। ओवेरियन फॉलिकल ज्यादा रप्चर होने की वजह से ब्लीडिंग अधिक होती है और इससे बॉडी में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। जिसके कारण त्वचा पर नीले निशान पड़ने लगते हैं। पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर को अधिक आराम की जरूरत होती है। वहीं शरीर को आराम न मिल पाने पर ओवेरियन फॉलिकल के ज्यादा रप्चर होने की संभावना होती है। जिससे अधिक ब्लीडिंग होने लगती है और शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छे से नहीं हो पाती है। इस वजह से भी त्वचा पर नीले निशान पड़ जाते हैं।

फोलिक एसिड का सेवन जरूरी

जब शरीर में नीले निशान पड़ने लगते हैं, तो हेल्थ एक्सपर्ट्स डाइट में फॉलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। डाइट में फॉलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने से ब्लड बनता है और साइनोसिस की समस्या ठीक होने लगती है। इसलिए महिलाओं को इस समस्या से बचने के लिए अपनी डाइट में अंडा, राजमा, टमाटर, केला, एवोकाडो, ब्रोकोली और सूजी आदि को शामिल करना चाहिए। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने से ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। वहीं हीमोग्लोबिन की कमी से ब्रेन, जीभ की मसल्स और हार्ट आदि में खून की सप्लाई कम हो जाती है। जिससे ब्लड क्लॉटिंग की समस्या बन सकती है। जिसका असर ब्रेन और किडनी पर भी पड़ सकता है।

सतर्क हो जाइए तो बेहतर

यदि शरीर पर बार-बार नीले निशान पड़ते हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। साथ ही आपको अपने रहन-सहन और लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतें अपनानी चाहिए। क्योंकि बिना चोट के शरीर पर पड़ने वाले नीले निशान से बचने के लिए अपनी आदतों को बदलना जरूरी है। ऐसे में हेल्दी डाइट, पर्याप्त नींद लेने के साथ तनाव से दूरी रखें। इन आदतों को अपनाकर शरीर पर पड़ने वाले नीले निशानों से बचा जा सकता है।

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