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हेमन्त ने राज्य में हड़ताल पर गये डॉक्टर्स से काम पर लौटने की अपील की

हेमन्त ने राज्य में हड़ताल पर गये डॉक्टर्स से काम पर लौटने की अपील की

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मुख्य मंत्री का भरोसा, सरकार डॉक्टर्स को पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी

Ranchi News : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड में हड़ताल पर गये डॉक्टर्स से काम पर लौटने की अपील की है। साथ ही, उन्हाेंने उनकी सुरक्षा का भी भरोसा दिया है।

दरअसल, कोलकाता के आरजे कर मेडिकल कॉलेज की सेकेंड ईयर की छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद हत्या के विरोध में पूरे देश में आईएमए के आह्वान पर सभी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर्स की 24 घंटे की हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी है। इसका असर झारखंड में भी पड़ा है। रिम्स, सदर अस्पताल, रांची सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों के भी डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं, जिसका व्यापक असर पड़ा है। जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार और इमरजेंसी सेवा एवं सर्जरी कार्य से खुद को अलग किये जाने के कारण चिकित्सा सेवा पूरी तरह ठप है। इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने चिंता जतायी है। सोशल मीडिया के जरिये डॉक्टर्स से काम पर लौटने की अपील की है।

आपकी सरकार आपकी वेदना में आपके साथ खड़ी है:सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा, “घटना की जितनी भी निन्दा की जाये, कम है। बंगाल सरकार एवं केन्द्र सरकार की एजेंसियां दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रयत्नशील हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि दोषियों को किसी भी क़ीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। मैं राज्य के सभी साथी डॉक्टरों से अपील करना चाहूंगा कि आपकी सरकार आपकी वेदना में आपके साथ खड़ी है। लेकिन, राज्य के मरीजों का इलाज भी अत्यन्त आवश्यक है। इसलिए आप काम पर लौटें एवं मरीजों को स्वस्थ बनाने में सार्थक सहयोग करें।”

देशव्यापी हड़ताल से सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी रहा ठप

उल्लेखनीय है कि रिम्स के जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के समर्थन में उतरे झारखंड आईएमए, रांची आईएमए, झासा एवं वुमेन डॉक्टर्स विंग, झारखंड के अलावा झारखंड चेंबर सहित पारा मेडिकल कर्मी एवं स्वास्थ्य कर्मचारी भी आनादोलन में शामिल हैं। सभी डॉक्टरों ने रिम्स सहित अन्य मेडिकल संस्थानों के पास वी वांट जस्टिस की मांग की। डॉक्टर्स के 24 घंटे के देशव्यापी हड़ताल से मेडिकल कॉलेजों सहित निजी अस्पतालों में भी भर्ती मरीज चिकित्सा से वंचित हैं। रिम्स में ओपीडी चिकित्सा नहीं मिलने से मरीज एवं उनके परिजन चिकित्सा की आस में दर-दर भटकते रहे।

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