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पूरे देश में परिश्रमी किसान और टैलेंट चाहिए, तो वह बिहार की पवित्र भूमि से मिलेंगे : शिवराज सिंह

पूरे देश में परिश्रमी किसान और टैलेंट चाहिए, तो वह बिहार की पवित्र भूमि से मिलेंगे : शिवराज सिंह

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Patna : केन्द्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूरे देश में परिश्रमी किसान और टैलेंट चाहिए, तो वह बिहार की पवित्र भूमि से मिलेंगे। यहां का नौजवान कर्तव्य निष्ठ और परिश्रमी है। उन्होंने कहा कि देश में कृषि के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है, लेकिन कसर अभी बाकी है।
केन्द्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह गुरुवार को बिहार के समस्तीपुर जिला स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में चौथे दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में कृषि के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है, लेकिन कसर अभी बाकी है। इसलिए युवाओं ने जो कुछ सीखा है, उसका उपयोग खेतों में करें, स्टार्टअप लगायें। कृषि उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने जैसे उपाय ढूंढ़ें।
उन्होंने डिग्रीधारियों से कहा कि दीक्षा का अर्थ शिक्षा की समाप्ति नहीं, अपितु नये युग की शुरुआत है। यह डिग्री संदेश दे रही है कि अनंत आकाश की उड़ान भरो। अपने को पहचानो। केवल लक्ष्य तय करने की जरूरत है। उसके लिए रोड मैप बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तुम्हारे जीवन का अर्थ केवल पैसा कमाना नहीं, बल्कि अनंत आकाश की सम्भावनाओं की तलाश करना है।
शिवराज सिंह ने कहा कि एक समय था, जब लाल बहादुर शास्त्री जी ने अन्न की कमी को देखते हुए सप्ताह में एक दिन का उपवास रखने की अपील की थी। आज स्थिति बदल गयी है। आज देश में अन्न के भंडार भड़े हैं। कभी हम विदेशों से गेहूं मंगाते थे, आज निर्यात कर रहे हैं। 80 करोड़ लोगों को तो मुफ्त में गेहूं दिया जा रहा है। चावल हम निर्यात कर रहे हैं। केवल बासमती चावल 50 हजार करोड़ का निर्यात किया गया है। मक्का उत्पादन बिहार में अभूतपूर्व है। समस्तीपुर की सब्जियां पूरी दुनिया में धूम मचा रही हैं। शाही लीची की चर्चा पूरे जगत में है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार के दरभंगा ने पूरे विश्व में मखाना से नयी पहचान बनायी है। मैंने भी मखाना की खेती में हाथ लगाया है। उन्होंने कहा कि मंत्री का मतलब राजा नहीं, हम तो सेवक हैं। किसानों की सेवा हमारे लिए पूजा है। कृषि के कई क्षेत्रों में और काम करने की जरूरत पर बल देते हुए मंत्री ने कहा कि लीची के डंठल पर ग्लूकोज का लेप लगा कर इसे और कामायब बनाने पर कार्य जारी है। सभी यदि मिल कर काम करेंगे, तो आनेवाले समय में हम दुनिया के लिए फूड बास्केट बनाने में सफल होंगे। कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में उन्होंने मिथिला की शान और पाग की पहचान के लिए हमेशा तत्पर रहने का भी आश्वासन दिया।

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