Russia (रूस) और Ukraine (यूक्रेन) के बीच 6 मार्च को चल रहे युद्ध के 11 में दिन भी यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षा के साथ लाने के प्रयास तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हजारों भारतीय यूक्रेन से सुरक्षित भारत पहुंच चुके हैं, लेकिन अभी भी कई हजार भारतीय वहां फंसे हुए हैं और उन्हें कठिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच एक अत्यंत दुखद और निंदनीय खबर यह मिल रही है कि यूक्रेन से पोलैंड में घुसने की कोशिश कर रहे भारतीयों को यूक्रेनी सुरक्षा बलों द्वारा नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। पिछले एक हफ्ते से लगातार इस तरह की खबरें आ रही हैं और बीबीसी तथा सीएनएन दोनों ने 5 मार्च को इसकी पुष्टि की थी।
महिलाओं को पीटा भी गया
इंडो-पोलिश चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष अमित लाठ ने दावा किया कि नस्लीय दुर्व्यवहार ही नहीं, बल्कि महिलाओं को पीटा भी गया है। इसके साथ ही भारतीयों को कई दिनों तक रोके रखा जा रहा है या सीमा चौकियों (बॉर्डर-पोस्ट) पर यूक्रेन छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
दोनों देशों के दावों के आंकड़े भिन्न
दूसरी ओर रूस-यूक्रेन दोनों युद्धरत देशों में हताहतों के दावे व्यापक रूप से भिन्न हैं, जो वास्तव में सुरक्षा के मोर्चे पर रणनीतिक लाभ के लिए रूस और पश्चिम के बीच लड़ाई है। रूसी समाचार एजेंसी टास के अनुसार, मॉस्को में रूसी रक्षा मंत्रालय के मेजर जनरल ओइगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि रूसी सशस्त्र बलों ने 5 मार्च को सुबह तक 2,000 से अधिक यूक्रेनी सैन्य बुनियादी सुविधाओं पर हमला किया है।
नागरिकों को नहीं बनाया जा रहा निशाना
रूसी रक्षा मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि रूसी सैनिक यूक्रेनी शहरों नागरिकों को निशाना नहीं बना रहे हैं। इस बीच, रूस टुडे के यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिबंधित होने के बाद, क्रेमलिन ने रूस में बीबीसी और सीएनएन जैसे पश्चिमी समकक्षों पर जवाबी कार्रवाई की है। यूएस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक भी अब रूस में उपलब्ध नहीं है।