New Delhi news : शायद आपको पता हो, न हो… भारत के विभाजन से ठीक पहले एक अस्थाई सरकार बनी थी,जिसके प्रधानमंत्री थे जवाहर लाल नेहरू। इस सरकार के फाइनेंस मिनिस्टर थे लियाक़त अली खान। विभाजन रोकने को कांग्रेस-मुस्लिम लीग के लिए यह आखिरी मौका था, आखिरी सरकार थी, परंतु ऐसा हुआ नहीं।
लियाकत अली खान ने पेश किया था बजट, जो आज भी पूअर मैन…, जानिए कहानी…
यूं तो भारत का बजट यहां के वित्त मंत्री ही पेश करते हैं, लेकिन…, भारतीय राजनीति के इतिहास में एक वक्त ऐसा भी आया है,जब इस देश का बजट पेश करने वाला नेता पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन गया था। भारत की आजादी से पहले की बात है। जब भारत और पाकिस्तान एक मुल्क हुआ करते थे। तब दोनों को मिलाकर भारत कहा जाता था।
लियाकत पर इल्जाम लगता था कि फाइनेंस मिनिस्टर की हैसियत से वो किसी भी मंत्रालय को पैसा ही नहीं रिलीज करते थे। 28 फरवरी 1947 को लियाकत अली खान ने सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली में बजट पेश किया। ये वही बिल्डिंग है जिसे आज भी पुराने संसद भवन के तौर पर जाना जाता है। लियाकत अली खान ने जो बजट पेश किया था उसमें इतनी खामियां थी कि उसे पूअर मैन बजट कहा गया। आज की तारीख में भी लियाकत अली खान के उस पेश किए गए बजट को पूअर मैन ही कहा जाता है।
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स्वार्थ के लिए भारत को बांटने का दावा पेश कर दिया
16 अगस्त 1946 की एक तारीख हिन्दुस्तान की आजादी के इतिहास की ऐसी ही तारीख है, जिसने बंटवारे की हकीकत पर मुहर लगा दी। मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में अपने स्वार्थ के लिए एक धड़े ने भारत को बांटने का दावा पेश कर दिया था। उनकी मांग थी कि पश्चिम के पेशावर से लेकर पंजाब के अमृतसर और कोलकाता समेत एक अलग राष्ट्र जो सिर्फ मुसलमानो के लिए बनेगा और जिसका नाम होगा पाकिस्तान। नतीजतन 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान बना और लियाकत अली खान इसके पहले प्रधानमंत्री बने।