Russia और Ukraine के बीच युद्ध जैसे हालात अभी टले नहीं हैं। वहां भारत के 20,000 से अधिक नागरिक रहते हैं। इनमें 18,000 विद्यार्थी हैं। सबने भारत सरकार से यूक्रेन से सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगाई थी। कोरोना के कारण इंटरनेशनल उड़ानों पर प्रतिबंध था और सीटों की संख्या भी सीमित थी। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित लाने के लिए केंद्रीय सिविल एविएशन मिनिस्ट्री यानी नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 17 फरवरी को बड़ा निर्णय लिया है। इससे संबंधित सूचना न्यूज़ एजेंसी ANI ने अपने ट्विटर हैंडल पर 1:31 बजे पोस्ट की है।
विदेश मंत्रालय से किया जा रहा समन्वय
मंत्रालय ने भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर से प्रतिबंध हटा दिया है। इसके बाद अब कितनी भी उड़ानें और चार्टर उड़ानें संचालित की जा सकती हैं। मंत्रालय की ओर से साझा जानकारी में कहा गया है कि वह विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है।
बढ़ाई जाएगी उड़ानों की संख्या
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे छात्रों और पेशेवरों को निकालने के लिए भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटाने का यह महत्वपूर्ण फैसला किया है। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारतीय एयरलाइंस को उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। रूस के यूक्रेन की ओर बढ़ने के साथ मांग में वृद्धि हुई है।