International politics: There will be a big uproar in the Security Council, India stakes claim on the permanent seat,National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आमूल चूल परिवर्तन की मांग को लेकर अब भारत और भी ज्यादा मुखर हो गया है। भारत अब एक कदम आगे बढ़ाकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की पुरजोर मांग कर रहा है। भारत ने कहां है कि केवल पांच सदस्य देशों के पास स्थायी सदस्यता का होना पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है। यह बात भारत कई बार दोहराता आया है। अब एक बार फिर भारत ने इस मामले को उठाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN) के सामने अपनी स्थायी सदस्यता की मांग पेश कर दी है। भारत ने फिर एक बार कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव होना है चाहिए। भारत के इस रुख से लगता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बवाल होना तय है। फिलहाल भारत ने अपना मोर्चा खोल दिया है। अब देखना है आगे क्या होता है।
मुरलीधरन ने भारत के रुख को दोहराया
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (Un) में सुधारों का आह्वान किया है। भारत ने सुरक्षा परिषद में अपने लिए स्थायी सीट की मांग की है। बता दें कि भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने ब्राजील में आयोजित जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। ब्राजील की अध्यक्षता के तहत जी20 की बैठक में मुरलीधरन ने सतत विकास व बहुपक्षीय सुधारों की मांग करते हुए अधिक वैश्विक सहयोग व अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर प्रतिबद्धता की मांग की है। भारत के रुख को दोहराते हुए मुरलीधरन ने विदेश मंत्रियों को यह भी याद दिलाया कि एक आर्थिक मंच के रूप में जी20 को सतत विकास लक्ष्यों के साथ जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
आईसीसी और बीसीसीआई का भी जिक्र
गौरतलब कि पिछले दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रीय राजधानी में रायसीना डायलॉग 2024 के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN) में भारत की स्थायी सदस्यता पर एक सवाल पर अपनी उल्लेखनीय मजाकिया प्रतिक्रिया से सभी को हैरत में डाल दिया था। सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक, माइकल फुलिलोव ने कहा कि यूएनएससी की सदस्यता आईसीसी टेस्ट रैंकिंग पर आधारित हो सकती है। जवाब में जयशंकर ने कहा कि हां, मुझे लगता है कि इसे एक अच्छे विचार का मूल कहा जाता है। पर मुझे लगता है कि बेहतर समाधान यह होगा कि इसे बीसीसीआई पर छोड़ दिया जाए।