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किस करवट बैठेगा ऊंट : रूस पर भारी पड़ा यूक्रेन, कई दिनों के घमासान के बाद रूसी सैनिकों को खदेड़ कर यूक्रेन में खाली कराया काला सागर द्वीप 

किस करवट बैठेगा ऊंट : रूस पर भारी पड़ा यूक्रेन, कई दिनों के घमासान के बाद रूसी सैनिकों को खदेड़ कर यूक्रेन में खाली कराया काला सागर द्वीप 

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रूस और यूक्रेन के बीच पिछले साढ़े तीन महीनों से भीषण युद्ध चल रहा है। इससे दोनों देशों की सेनाओं को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि इस युद्ध में किसकी जीत होगी यह कहना मुश्किल होता जा रहा है। हर तरह से मजबूत मानी जाने वाली रूसी सेना को कुछ जगहों पर यूक्रेन से मात खाना पड़ रहा है। इस युद्ध में ऊंट किस करवट बैठेगा यह कहना मुश्किल हो गया है। रूसी सैनिकों पर लगातार हमले करके यूक्रेन ने रूस सेना से काला सागर स्थित स्नैक द्वीप खाली करा लिया है। इस द्वीप पर यूक्रेन के अक्रमण के आगे रूसी सैनिकों को मैदान से पीछे हटना पड़ा। अब इस द्वीप पर पूरी तरह से यूक्रेन का कब्जा हो गया है। 

बंदरगाह मुक्त होने से यूक्रेन को मिली राहत

इस बीच खबर मिली है कि अमेरिका ने यूक्रेन को 80 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद का एलान किया है। काला सागर के स्नैक द्वीप पर रूस की सेनाओं के कब्जे से यूक्रेन को बंदरगाहों से होने वाले निर्यात पर अवरोध का सामना करना पड़ रहा था। यूक्रेन की सेना अपने युद्धपोतों और नौसैनिक ठिकानों से लगातार काला सागर में मौजूद रूसी सेना पर हमले कर रही थी। लगातार हमलों से परेशान होकर रूस की सेना ने काला सागर स्थित स्नैक द्वीप खाली कर दिया है। इससे यूक्रेनी बंदरगाह से होने वाले निर्यात पर रूसी अवरोध खत्म हो सकेगा।

रूस बोला : मानवीय सहायता में दिक्कत न आए इसलिए खाली किया द्वीप

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रेय येरमक ने ट्वीट कर दावा किया कि तोपों और मिसाइलों के हमलों के परिणामस्वरूप रूस की सेना को काला सागर से भागना पड़ा है। हालांकि रूस के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि यूक्रेन में मानवीय सहायता कार्यक्रम में बाधा न आने देने के लिए रूस ने इस द्वीप से पीछे हटने का निर्णय लिया है।

तेज हुआ यूक्रेन को मदद करने का सिलसिला

इस बीच यूक्रेन की मदद का सिलसिला एक बार फिर तेज हुआ है। यूक्रेन की सेना का आधुनिकीकरण करने के लिए नाटो की सहमति पर अमेरिका ने यूक्रेन को 80 करोड़ डॉलर की मदद दिये जाने की घोषणा की है। यह राशि अमेरिका की अब तक जारी मदद से अलग अतिरिक्त सैन्य सहायता के रूप में होगी। इस धन से यूक्रेन की सेना का आधुनिकीकरण करने के साथ ही जरूरत के अनुरूप नए हथियार खरीदे जा सकेंगे। ब्रिटेन ने भी रूसी प्रभाव का मुकाबला करने और नाटो मिशन को मजबूत करने के लिए बोस्निया-हर्जेगोविना में सैन्य विशेषज्ञ भेजने का ऐलान किया है।

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