पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) के प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इसमें उनकी सरकार को काबू से बाहर होती महंगाई के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की गई। पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के करीब 100 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव को नेशनल असेंबली सचिवालय को सौंपा गया। इससे इमरान खान की कुर्सी पर एक बार फिर से खतरा मंडरा गया है।
68 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत
नियमों के अनुसार स्पीकर द्वारा सत्र को आहूत करने के लिए संसद के कम से कम 68 सदस्यों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए तीन से सात दिन का सत्र बुलाए जाने का प्रावधान है। विपक्ष को प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को हटाने के लिए 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता है। 69 वर्षीय इमरान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और अगर कुछ सहयोगी पाला बदलने का फैसला करते हैं तो उन्हें हटाया जा सकता है, जो संसदीय लोकतंत्र में असामान्य नहीं है। विपक्ष ने पहले ही कहा है कि वह इमरान के गठबंधन के सदस्यों को अपने पाले में करने का प्रयास करेगा।
प्रस्ताव पास होने पर क्या-क्या बोले इमरान
इस ताजा घटनाक्रम पर इमरान ने कहा कि देश की सेना उनके साथ है और उन्हें विश्वास है कि सरकार टिकी रहेगी। इमरान ने कहा, ‘सेना मेरे साथ खड़ी है, वह चोरों का कभी समर्थन नहीं करेगी और चूंकि लोग अब विपक्ष का समर्थन नहीं कर रहे हैं, इसलिए वे दावा कर रहे हैं कि प्रतिष्ठान उनका समर्थन कर रहा है। इमरान ने कहा, ‘कुल मिलाकर, इस सरकार के खिलाफ 2028 तक कुछ नहीं होगा…विपक्ष को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने दावा किया, ‘मेरे सांसदों को (अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए) 18 करोड़ रुपए की पेशकश की जा रही है। मैंने उनसे पैसे लेने और इसे गरीबों में बांटने के लिए कहा।
इमरान ने उन्हें हटाने की कोशिशों के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश की बात को दोहराते हुए कहा कि जो लोग स्वतंत्र विदेश नीति नहीं चाहते हैं वे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह विपक्ष के हर हमले का सामना करने को तैयार हैं।
विपक्ष ने क्या किया दावा
पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने इमरान सरकार को बढ़ती महंगाई के लिए दोषी ठहराया है। महंगाई की वजह से देश के गरीब लोगों की कमर टूट चुकी है। जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि विपक्ष इमरान को हटाने के लिए जरूरी संख्याबल को लेकर आश्वस्त है। सूत्रों ने कहा कि विपक्ष ने दावा किया है कि उन्हें सत्ताधारी पार्टी के 28 सांसदों और सरकार के सहयोगी दलों के अन्य सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। इमरान खान 2018 में सत्ता में आए थे। अगर वह अविश्वास प्रस्ताव की डगर को पार कर लेते हैं, तो पाकिस्तान में आम चुनाव 2023 में होंगे।