रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद पाकिस्तान रूस द्वारा निर्मित गैस पाइपलाइन को अंतिम रूप देने की योजना बना ली है। फाइनेंशियल टाइम्स ने यह रिपोर्ट दी है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन ने बताया है कि अरबों डॉलर की पाकिस्तान स्ट्रीम पाइपलाइन बनाने के लिए रूस के साथ एक सौदा करीब-करीब पूरा हो चुका है। इसे उत्तर-दक्षिण प्रोजेक्ट के रूप में भी जाना जाता है।
2 बिलियन डॉलर से अधिक का है प्रोजेक्ट
पाकिस्तान के वित्त मंत्री तारिन ने बताया है कि हमें एलएनजी को दक्षिण से उत्तर की ओर ले जाने के लिए एक गैस पाइपलाइन की जरूरत है। अगले दो या तीन सालों में यह हमारे लिए लगभग जरूरी हो जाएगा। या तो हमारे लिए कोई विकल्प है या हम इस सौदे को आगे बढ़ाएंगे लेकिन यह अब तक का सबसे अच्छा विकल्प है। उन्होंने कहा कि इमरान खान की मॉस्को यात्रा के बाद पाकिस्तान स्ट्रीम पाइपलाइन के सौदे को अंतिम रूप देने के लिए रूसी अधिकारी जल्द ही इस्लामाबाद का दौरा करेंगे। रूसी कंपनियों के एक समूह द्वारा बनाई जाने वाली पाइपलाइन की लागत 2 बिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है।
रूस के पक्ष में है पाकिस्तान?
शीत युद्ध के समय और 2001 के बाद के ‘आतंकवाद पर युद्ध’ के दौरान पश्चिमी देशों के सहयोगी रहे पाकिस्तान ने यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन सहित सार्वजनिक दबाव के बावजूद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा करने से इनकार कर दिया है। यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मतदान में रूस की निंदा करने के लिए पाकिस्तान से अपील की थी लेकिन पाकिस्तान ने वोटिंग से परहेज किया था। पकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा कि उन्हें संघर्ष को लेकर ‘पछतावा’ है लेकिन वह तटस्थ रहना चाहते हैं।
रूस और पाकिस्तान में बढ़ी है नजदीकी
पाकिस्तान हाल के सालों में मॉस्को के करीब आया है। पाकिस्तान के अधिकारियों ने ऊर्जा सुरक्षा तरीकों की तलाश की है और मानते हैं कि रूस के साथ संबंधों को खतरे में डालना बहुत महंगा होगा। बता दें कि पाकिस्तान गैस का उत्पादन करता है लेकिन हाल के सालों में उसने खाड़ी से आयात करना भी शुरू कर दिया है क्योंकि ऊर्जा की मांग बढ़ती जा रही है। तारिन ने कहा है कि रूसी तेल और गैस आयात पर अमेरिका के प्रतिबंध के बाद उच्च कीमतें पाकिस्तान को बहुत बुरी तरह से प्रभावित करेंगी।