Russia और Ukraine के बीच एक प्रकार से युद्ध का बिगुल बज चुका है। अब समझौते की सारी परिस्थितियां किसी भी प्रकार के नियंत्रण में नहीं दिखाई पड़ रही हैं। रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने बीती रात टेलीविज़न पर राष्ट्र को संबोधित किया। पुतिन ने कहा कि रूसी सेनाएं पूर्वी यूरोप में दाखिल होंगी और वे अलगाववादी क्षेत्रों में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करेंगी।
शांति कायम करेंगी रूसी सेना
राष्ट्रपति के शासनादेश के मुताबिक़ रूसी सेनाएं लुहान्स्क और दोनेत्स्क में शांति कायम करने का काम करेंगी। राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के दो पृथकतावादी क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता दे दी है। इनका नियंत्रण रूस समर्थित अलगाववादी करते हैं।
पुतिन ने की यूक्रेन की निंदा
पुतिन ने यूक्रेन की निंदा करते हुए कहा कि वहां एक कठपुतली शासन है और यूक्रेन अमेरिकी उपनिवेश बन चुका है। रूस के राष्ट्रपति ने दावा किया कि यूक्रेन का एक असल राष्ट्र होने का कोई इतिहास नहीं है और आधुनिक यूक्रेन का जो स्वरूप है,वो रूस का बनाया हुआ है। यूक्रेन को नाटो में शामिल करने की बात का ज़िक्र करते हुए उन्होंने इसे रूस की सुरक्षा को सीधे तौर पर ख़तरा पहुंचाने के क़दम के तौर पर परिभाषित किया।
नाटो ने रूस की सुरक्षा की अनदेखी की
अपने संबोधन में पुतिन ने एक बार फिर दोहराया कि NATO ने रूस की सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी की है। अपने संबोधन को समाप्त करने से पहले उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि रूस विद्रोहियों के कब्ज़े वाले क्षेत्रों को मान्यता देगा। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि यूक्रेन को विद्रोही ठिकानों पर हमले करना बंद कर देना चाहिए वरना उसे इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।