Russia और Ukraine के बीच तनाव Boiling Point पर है। अब यूक्रेन के लोगों पर युद्ध का साया मंडरा रहा है। रूस अपनी रणनीति से 1 इंच भी पीछे हटने को राजी नहीं है। भले दुनिया के कई महत्वपूर्ण देश उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर चुके हैं। Ukraine के दो राज्यों को अलग देश घोषित करने के बाद रूस ने कीव में मौजूद अपनी एम्बेसी को खाली करना शुरू कर दिया है। ऐसे हालात में रूस के खिलाफ रणनीति तय करने के लिए यूरोपीय यूनियन की 24 फरवरी यानी आज ही Emergency और बेहद अहम मीटिंग होने जा रही है।
यूक्रेन ने 18 से 60 साल के रिजर्व सैनिकों को तैयार रहने को कहा
अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसियों और मीडिया संस्थानों से यह जानकारी मिल रही है कि यह मीटिंग बेलारूस में होगी, जो पहले ही रूस के साथ है और रूसी फौज बेलारूस की धरती पर मौजूद है। उधर, खुली जंग की आशंका के चलते यूक्रेन ने 18 से 60 साल के रिजर्व सैनिकों को तैयार रहने को कहा है। इन लोगों को फिर ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया है। ये सिलसिला 23 फरवरी से शुरू भी हो गया।
पुतिन के बेहद करीबियों पर भी शिकंजा कसने की चल रही है तैयारी
तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोआन ने 23 फरवरी को फोन पर पुतिन से बातचीत की। एर्दोआन के ऑफिस से जारी बयान के मुताबिक- तुर्की ने पुतिन से कहा है कि जंग से कोई मसला हल नहीं होगा और हम यूक्रेन के खिलाफ उठाए किसी कदम का समर्थन नहीं करेंगे। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन उन लोगों पर शिकंजा कसने जा रही है, जो पुतिन के बेहद करीबी हैं। इनमें रूस के डिफेंस मिनिस्टर सर्गेई शोइग्यू और पुतिन के चीफ ऑफ स्टाफ एंटन वायनो शामिल हैं।