रशिया -यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी किम जोंग, अलेक्जेंडर लुकाशेंका और बशर अल-असद के साथ प्रतिबंधित राष्ट्राध्यक्षों की सूची में शामिल हो गए हैं। ये ऐसे नेता हैं, जिन्हें दुनिया के ज्यादातर देशों ने प्रतिबंधित किया हुआ है। यूक्रेन पर हमले के विरोध में अमेरिका और कनाडा ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और पुतिन के कुछ करीबियों के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। पुतिन विश्व के उन राष्ट्राध्यक्षों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिनके खिलाफ अमेरिका या दूसरे देशों ने व्यक्तिगत पाबंदियां लगाई हैं।
हमले के लिए पुतिन को जिम्मेदार ठहराया
यूक्रेन पर रूस के हमले को बिना कारण और गैर-कानूनी बताते हुए इन देशों ने पुतिन और लावरोव को इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। इससे पहले ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के देश भी पुतिन और लावरोव पर पाबंदी लगा चुके हैं। इस सूची में पहले से उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग यून, बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंका और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद शामिल हैं।
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष से बातचीत करने के बाद जो बाइडेन ने रूस पर लगाये कड़े प्रतिबंध
स्थानीय समय के अनुसार शुक्रवार देर शाम अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने पुतिन, लावरोव और रूसी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन से टेलीफोन पर बातचीत करने के बाद पुतिन, लावरोव, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और चीफ आफ जनरल स्टाफ वैलेरी गेरासिमोव के खिलाफ पाबंदी लगाने का फैसला किया। इससे पहले अमेरिका ने रूसी बैंकों और कई लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने कहा कि इस कार्रवाई में यूक्रेन के खिलाफ बर्बर युद्ध की भूमिका बनाने वाले पुतिन और उनके करीबियों को लक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि इन पाबंदियों का पुतिन की निजी संपत्ति पर असर पड़ेगा। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने एक दिन पहले ही पुतिन और लावरोव के खिलाफ पाबंदी लगाने का फैसला किया था।
पुतिन व उनके करीबियों की संपत्ति होगी जब्त
अमेरिका और अन्य देशों द्वारा पुतिन, लावरोव और अन्य रूसी अधिकारियों के खिलाफ व्यक्तिगत पाबंदियों का इनकी संपत्तियों पर असर पड़ेगा। प्रतिबंध लगाने वाले देशों में पुतिन व उनके करीबियों की संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी। संबंधित देशों की कंपनियां इन लोगों के साथ कोई कारोबार या लेनदेन भी नहीं करेंगी।