Russia का युद्ध के तीसरे दिन 26 February को भी यूक्रेन पर हमला लगातार जारी है। इस बीच नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन यानी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने रक्षात्मक उपाय के रूप में अपनी प्रतिक्रिया बल को सक्रिय कर दिया है। इंटरनेशनल मीडिया में 40,000 सैनिकों के तैयार रहने की बात कही जा रही है। नाटो की इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने 25 February को कहा कि ब्लॉक ने रक्षा योजनाओं को सक्रिय कर दिया है। उन्होंने जमीन पर, समुद्र और हवा तीनों जगहों पर सैनिकों की तैनाती की बात कही है।
हाई अलर्ट पर 100 से अधिक जेट
आपको बता दें कि नाटों ने हजारों की संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। साथ ही 100 से अधिक जेट 30 स्थानों पर हाई अलर्ट पर हैं। स्टोलटेनबर्ग ने कहा, “गलत अनुमान या गलतफहमी के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। हम हर सहयोगी और नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा और बचाव के लिए जो कर सकते हैं वह करेंगे।
यूक्रेन में नहीं जाएंगे नाटो सैनिक
इसका मतलब यह नहीं है कि नाटो सैनिक यूक्रेन में जाएंगे। ऐसा इसलिए कि यूक्रेन नाटो का सदस्य देश नहीं है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के विरोध में निष्क्रियता के लिए 27 सदस्यीय ब्लॉक की व्यापक आलोचना के बीच यह कदम उठाया गया है। प्रतिक्रिया बल को सक्रिय करने का निर्णय तत्काल परामर्श के बाद किया गया था जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य नाटो नेता शामिल थे।
सदस्य देशों की रक्षा के लिए उठाया कदम
आपको बता दें कि 40,000 सैनिकों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। नाटो का यह कदम अपने सदस्य देशों की सुरक्षा सुनिश्तित करने के लिए उठाया गया है। आपको बता दें कि कल रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव में जमकर बम बरसाए। सीएनएन ने नाटो सुप्रीम एलाइड कमांडर जनरल टॉड वोल्टर्स के हवाले से कहा, “यह एक ऐतिहासिक क्षण है और पहली बार एलायंस ने इन उच्च तत्परता बलों को रक्षा भूमिका में नियुक्त किया है।”