यूक्रेन को लेकर रूस का आक्रामक रवैया थमने का नाम नहीं ले रहा है। रूसी सेना यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में तेजी से अपने मिशन की ओर आगे बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन की सेना दक्षिणी हिस्से में फिर से पकड़ मजबूत कर रही है। यहां रूसी सेना थोड़ी कमजोर पड़ने लगी है। इस बीच अमेरिका ने यूक्रेन को सौ करोड़ डॉलर के हथियारों की मदद करने का एलान किया है। इधर, नाटो देशों के कई राष्ट्राध्यक्ष भी यूक्रेन पहुंचे हैं। युद्ध में नाटो से मिल रहे समर्थन के बाद यूक्रेन की सेना के हौसले भी बुलंद हो गए हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए युद्ध के और लंबा खींचने के आसार बढ़ गए हैं।
24 फरवरी को शुरू हुआ था युद्ध
यूक्रेन पर रूस का हमला करीब चार माह पूर्व 24 फरवरी को हुआ था। उसके बाद 112 दिन यानी 16 सप्ताह बीत चुके हैं किन्तु रूस का हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यूक्रेन को इस लड़ाई में अमेरिका सहित नाटो देशों का भरपूर साथ मिल रहा है। इसके बावजूद बीते दिनों यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने यूरोप और नाटो देशों की मदद की रफ्तार को कम करार दिया था। उन्होंने मदद तेज करने की मांग की थी। इसके बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को सौ करोड़ डॉलर के हथियारों की मदद करने का एलान किया है।
यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ सकते : अमेरिका
अमेरिका ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यूक्रेन को किसी भी हाल में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जो बहादुरी यूक्रेन की सेना और वहां के नागरिक दिखा रहे हैं, वह पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। अमेरिका ने यह भी ऐलान किया है कि सौ करोड़ डॉलर की इस सैन्य साजो-सामान की मदद के अलावा 2.25 करोड़ डॉलर की दवाइयां व अन्य सामग्री भी जल्द ही यूक्रेन को भेजी जाएगी। यह प्रबंध आने वाली सर्दियों को ध्यान में रखकर किये जा रहे हैं।