पाकिस्तान में सियासी उथल- पुथल से वहां आतंकवादी घटनाएं बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। या इससे भी कुछ और बड़ा होने वाला है वहां, क्योंकि अमेरिका ने अपने नागरिकों से पाकिस्तान की यात्रा न करने को कहा है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि लगातार खराब होने के तौर पर भी देखा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हो रहा इंतजार
पड़ोसी पाकिस्तान में निवर्तमान पीएम इमरान खान की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। इस इंतजार के बीच स्वयं इमरान खान युवाओं को आंदोलन करने तक की सलाह दे चुके हैं। ऐसे में अमेरिका को वहां आतंकवाद और साम्प्रदायिक हिंसा की संभावना बनती दिखाई दे रही है। अमेरिकी विदेश विभाग ने जारी अपने यात्रा परामर्श में अमेरिकी नागरिकों से पाकिस्तान की यात्रा न करने और उस पर पुनर्विचार करने को कहा है।
आतंकवाद और सशस्त्र संघर्ष की संभावना
सुपर पावर अमेरिका ने यात्रा की दृष्टि से पाकिस्तान को तीसरे स्तर पर रखा है। अमेरिका ने यात्रा परामर्श में अपने नागरिकों से आतंकवाद व अपहरण की संभावनाओं के चलते पाकिस्तान की यात्रा न करने को कहा है। इसमें भी विशेषकर बलूचिस्तान व खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की यात्रा पर न जाने की सलाह दी गयी है। साथ ही अमेरिका ने आतंकवाद और सशस्त्र संघर्ष की संभावना भी जताई है। इस दृष्टि से नागरिकों से नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों की यात्रा न करने का सुझाव दिया है।
पाकिस्तान- अमेरिका संबंधों में खटास
गौरतलब है कि इमरान खान अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को विदेशी साजिश बताते रहे हैं और उनका इशारा अमेरिका की ओर ही था। अब अमेरिकी निर्देशों से दोनों देशों के रिश्तों में खटास की बात साबित होती नजर आ रही है।