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क्या नितिन गडकरी राजनीति छोड़ने वाले हैं? हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने क्यों कहीं ऐसी बात

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केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पूरे देश में काम के लिए जाना जाता है। इस मामले में उन्हें कोई पछाड़ नहीं सकता। वह जिस काम को करते हैं, वही मिसाल बन जाता है। इन दिनों मीडिया में उनके राजनीति छोड़ने की चर्चा आम हो चुकी है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा लिखी गई नितिन गडकरी को चिट्ठी ने इस मामले को और हवा दे दी है। वैसे इस मामले में अभी तक नितिन गडकरी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

उस समय पार्टी सत्ता नहीं, सत्य की राजनीति करती थी

पत्र में उन्होंने लिखा है कि 1952-53 में जब वे राजनीति में आये और कश्मीर आन्दोलन में आठ माह जेल में रहे, उस समय पार्टी सत्ता की नहीं सत्य की राजनीति करती थी। मूल्य आधारित राजनीति और समर्पित कार्यकर्ताओं के कारण उस समय की देश की सबसे छोटी पार्टी को भारत की जनता ने दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनाया। शान्ता कुमार ने नितिन गडकरी को पत्र लिख कर कहा है कि उन्होंने सत्ता की राजनीति के संबंध में जो बातें कहीं हैं, वह पार्टी की पहली पीढ़ी के मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के मन की बात है। उन्होंने गडकरी की इस बात के लिए प्रशंसा भी की है कि वह समय-समय पर राजनीति के सत्य के संबंध में बेबाकी से टिप्पणी करते रहते हैं। 

शांता कुमार ने गडकरी से कहा- राजनीति न छोड़ें, मोदी का सहयोग कर देश को आगे बढ़ाएं

शान्ता ने कहा की नरेन्द्र मोदी और नितिन गडकरी जैसे योग्य लोगों के कारण देश में बहुत विकास हो रहा है। इसके बाद भी आर्थिक विषमता बढ़ती जा रही है। आज के दौर में अमीरी चमक रही है और गरीबी सिसक रही है। उन्होंने ग्लोबल हंगर इडेक्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए चिट्ठी में लिखा है कि आज भी 19 करोड़ 40 लाख लोग रात को लगभग भूखे पेट सोते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि आज देश में सबसे बड़ी पार्टी और शक्तिशाली पार्टी होने के बाद भाजपा पूरे देश की राजनीति को केवल सत्ता की नहीं, सेवा की राजनीति बनाने का प्रयत्न करें। शान्ता कुमार ने नितिन गडकरी से आग्रह किया कि वे राजनीति छोड़ने का विचार करने की बजाय नरेन्द्र मोदी के सहयोग से इस देश की राजनीति को केवल सत्ता की नहीं, सेवा की और सत्य की राजनीति बनाने का प्रयत्न करें।

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