Jharkhand covid-19 alert : सम्भावित आशंका के मद्देनजर सभी तैयारियां अलर्ट मोड में रखें : हेमन्त सोरेन

– स्थिति पर राज्य सरकार की बनी रहे पैनी नजर, इस निमित्त सीएम ने दिये खास निर्देश
-कोविड-19 से बचाव, रोकथाम व नियंत्रण हेतु आहूत समीक्षा बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री
Jharkhand covid-19 latest Hindi news : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कोविड-19 के नये वेरिएंट बीएफ-7 के बढ़ते प्रसार की आशंका के मद्देनजर राज्य में कोरोना वायरस से बचाव, रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा की गयीं तैयारियों की समीक्षा की। कोविड-19 के नये वेरिएंट से निपटने के लिए अस्पताल, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेडस्, दवाइयों और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता के पुख्ता इंतजाम के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये।
झारखंड में पॉजिटिव केस की संख्या मात्र एक
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कई देशों में पिछले एक सप्ताह से कोविड-19 के नये मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आनेवाले दिनों में हो सकता है कि कोविड केसों के मामलों में बढ़ोतरी हो, ऐसे में चिकित्सा व्यवस्था सम्बन्धी सभी चीजों को अलर्ट मोड में रखें। स्थिति पर राज्य सरकार की पैनी नजर बनी रहे, यह सुनिश्चित करें। कोविड-19 के नये मामलों में हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा व्यवस्थाओं के प्रति हमें गम्भीरता पूर्वक तैयार रहने की आवश्यकता है। तैयारी इस तरह रखें कि आपातकालीन स्थिति में अफरा-तफरी का माहौल न बने। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में अथक प्रयास एवं कोविड-19 की रोकथाम के उपाय युद्ध स्तर पर किये गये हैं। बैठक में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य में अब तक कुल कोविड-19 संक्रमितों की संख्या-442568 है, जिसमें 437236 मरीज रोगमुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। रिकवरी रेट 98.80% तथा राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.80% है। 5331 व्यक्ति की मृत्यु कोविड-19 से हुई है। मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। आज की तिथि में राज्य में कोविड-19 संक्रमित मरीजों के एक्टिव पॉजिटिव केस की संख्या मात्र 01 है।
बैठक की मुख्य बिन्दु इस प्रकार है
– स्वास्थ्य विभाग द्वारा पत्रांक सं.0206 (एचएसएन) दिनांक-21.12. 2022 तथा संo 208 (एचएसएन) 24.12.2022 के माध्यम से समस्त मेडिकल कॉलेज एवं निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर कोविड-19 के नये वेरियेंट के जिनोम स्किवेंसींग हेतु सभी पॉजिटिव आरटी-पीसीआर सैम्पल को रिम्स, रांची भेजने का निर्देश दिया गया है।
इसके अतिरिक्त पांच रणनितियां ; यथा टेस्ट, ट्रेकिंग, ट्रीटमेन्ट, टीकाकरण एवं कोविड समुचित व्यवहार का अक्षरशः अनुपालन का निर्देश दिया गया है। इस सम्बन्ध में दिनांक 25.12.2022 को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलों के सभी सिविल सर्जन तथा अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों को वीसी के माध्यम से बैठक करते हुए आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।
कोविड-19 जांच की स्थिति
– राज्य में कोविड-19 की आरटी-पीसीआर तथा रैट किट्स के माध्यम से सरकारी तथा निजी प्रयोगशाला में जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।
– राज्य में 297 ट्रू नेट मशीन सभी जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।
– जांच हेतु पर्याप्त संख्या में जिलों में रैपिड एंटीजन किट तथा वीटीएम किट्स उपलब्ध है। कुल 10,68,877 लाख रैपिड एंटीजन किट तथा 3,59,933 वीटीएम किट्स उपलब्ध है।
• राज्य में पहले से 8 आरटीपीसीआर लैब कियाशील हैं। इनमें रिम्स, एमजीएम, पीएमसीएच, फूलो झानो मेडिकल कॉलेज दुमका, मेदनीनगर मेडिकल कॉलेज पलामू, शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, धनबाद, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, ईटकी, जिला वायरॉलोजी लैब साहेबगंज शामिल हैं।
• ईसीआरपी-II अन्तर्गत 12 जिलों (गढ़वा, लातेहार, कोडरमा, गिरिडीह, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, चतरा, पाकुड़, जामताड़ा, रामगढ़ तथा सरायकेला-खरसावा) में RT-PCR लैब की अधिष्ठापित की गयी है, जिसे आईसीएमआर प्रमाणीकरण के उपरांत क्रियाशील कर ली जायेगी।
• राज्य सरकार द्वारा प्रेझा फाउण्डेशन के माध्यम से अन्य 7 जिलों (रांची, जमशेदपुर, चाईबासा, बोकारो, देवघर गुमला एवं गोड्डा) में भी आरटी-पीसीआर लैब की स्थापना का कार्य पूर्ण किया गया है। आईसीएमआर प्रमाणीकरण के उपरान्त क्रियाशील कर ली जायेगी।
इस प्रकार कुल 8 कियाशील है तथा 19 आईसीएमआर प्रमाणीकरण के उपरान्त क्रियाशील कर ली जायेगी।
• ओमिक्राॅन के नये सब लिनेंज वेरियेंट बीएफ-7 की पुष्टि देश के कुछ राज्यों में की गयी है। राज्य में कोविड- 19 के नये किस्म के वायरस के पहचान हेतु रिम्स, रांची में जिनोम सिक्वेसिंग मशीन अधिष्ठापन माह जुलाई 2022 में की गयी, तदुपरांत डिपार्टमेंट ऑफ जिनेटिक्स एवं जिनोमिक्स, रिम्स रांची में अगस्त माह में सरकारी तथा निजी कोविड-19 प्रयोगशाला से प्राप्त स्टोर्ड आरटी-पीसीआर नमूनों का जिनोम सिक्वेंसिंग का कार्य किया गया है। रिम्स रांची अंतर्गत इस मशीन में 384 नमूनों की सिक्वेंसिंग (अनुक्रमित रूप से लगाने की क्षमता है। एक बार में कम-से-कम 96 नमूनों (12×8) का वेल स्किवेंसर मशीन में संधारित रहता है। 96 नमूनों को स्किवेंस करने के लिए एक चिप की लागत लगभग 6.00 लाख रुपये होती है। स्किवेंशिंग करने के कुल चार चरण के अन्तर्गत जिनोम के लिब्ररी प्रीपेयरेशन ( जिनोम का संग्रहण), एक्सट्रक्सन (आरएनएम एक्सट्रक्सन), स्किवेंशिंग (अनुक्रमण में लगाना) तथा डाटा को विश्लेषण करने, ( मेटा डाटा एनलाइसिस) में कुल नये वेरियेंट की पहचान हेतु 6 से 7 दिन का समय लगता है। स्किवेंशींग हेतु हेतु मशीन 48 घंटा तक रन की जाती है। अभी वर्तमान में स्किवेंशिंग हेतु किट्स उपलब्ध है।
– रिम्स रांची एवं फूलों झानो चिकित्सा महाविद्यालय दुमका में कोबास (6800) लैब स्थापित की जा चुकी है।
बेड की उपलब्धता
– राज्य में कोविड-19 मरीज के इलाज हेतु सरकारी संस्थानों में कुल 19,535 बेड उपलब्ध है, जिनकी विवरणी निम्नवत है…
– नॉन-ऑक्सीजन बेड : 5276
• ऑक्सीजन सपोर्टेट बेड : 11356
• आई०सी०यू० बेड : 1447
• वेंटिलेटर बेड : 1456
– पेडयाट्रीक आईसीयू (पीआईसीयू) (सरकारी) -510
– पेडयाट्रीक एचडीयू (सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ) – 455
– पेडयाट्रीक मामले हेतु ऑक्सीजन बेड – 1180
वर्तमान के स्थिति में सक्रिय मामलों की संख्या 01 है। संक्रमित मरीज रिम्स के कोविड वार्ड में भर्ती हैं, उनके लक्षण सामान्य है।
कोविड-19 ऑक्सीजन उपलब्धता की स्थिति
राज्य में कुल 122 पीएसए प्लांट अधिष्ठापित किये गये हैं।
-पीएम केयर के अन्तर्गत 38 पीएसए प्लांट स्थापित किये गये।
– स्टेट रिसोर्स से 39 पीएसए प्लांट स्थापित किये गये।
– रेलवे से 4 पीएसए प्लांट स्थापित किये गये। (डी) कोल मिनिस्ट्री से 10 पीएसए प्लांट स्थापित किये गये।
-निजी स्त्रोतों से 31 पीएसए प्लांट अधिष्ठापित किये गये हैं।
– राज्य में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है एवं राज्य के सरकारी (पांच) तथा निजी अस्पताल (छः) में कुल 11 लिक्वीड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) क्रियाशील किये गये हैं।
– ईसीआरपी-II अन्तर्गत राज्य के 27 चिह्नित स्वास्थ्य संस्थानों (मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल) में एलएमओ टैंक 10 केएल विथ एमजीपीएस की अधिष्ठापना हेतु निविदा निस्तारण क्रयादेश कॉरपोरेशन के द्वारा निर्गत किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने तैयारियों से सम्बन्धित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने सुझाव विभागीय पदाधिकारियों को दिये।
बैठक में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव-सह-स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, रिम्स, निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।