झारखंड के कोडरमा जिले की 12 वर्षीय बेटी समा परवीन का नया वीडियो बुधवार को सामने आया है। गत 10 मार्च को ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ के प्रदर्शन में दिया गया मासूम बच्ची का बयान सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है। लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं। वीडियो में समा परवीन ने एक बार फिर जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। उसने इलाके के लोगों को ढिबरा स्क्रैप (माइका स्क्रैप) चुनने और बेचने का अधिकार देने की मांग की है।
प्रशासन की कार्रवाई से परिवार चलाना मुश्किल
तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में लड़की दावा कर रही है कि पहाड़ी इलाका होने के कारण गांव में खेती-बाड़ी नहीं होती। आजादी के पहले से लोग यह काम कर रहे हैं। ढिबरा चुनकर ही अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। प्रशासन की कार्रवाई से परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। लड़की ने अपने दूसरे वीडियो में फिर दावा किया है कि उसके पिता और चाचा पर पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज किया है।
लोग पसंद कर रहे हैं बोलने का अंदाज
कक्षा छह में पढ़ने वाली लड़की के बोलने का अंजाद लोगों को खूब पसंद आ रहा है। लड़की कोडरमा के ढोढ़ाकोला पंचायत के ढोढ़ाकोला गांव की रहने वाली है। उसकी उम्र महज नौ वर्ष है। पिता का नाम कलीन अंसारी है। परिवार ढिबरा स्क्रैप चुनकर अपना भरण पोषण करता है। लड़की की तीन और बहनें हैं, जबकि एक भाई है। बड़ी बहन का नाम चांदनी परवीन है। वह दसवीं की छात्रा है। दूसरी बहन का नाम रौशन परवीन है। वह सातवीं की छात्रा है। समा और उजाला परवीर जुड़वा हैं। दोनों कक्षा छठवीं में साथ पढ़ती हैं। वहीं एक छोटा भाई रीहान हैं। बच्ची के माता-पिता पढ़े लिखे नहीं हैं, लेकिन मजदूरी करके बेटियों को पढ़ा रहे हैं। समा पढ़ाई में अच्छी है। वह अक्सर अपनी कक्षा में अलग-अलग विषयों पर शिक्षकों व छात्रों के साथ संवाद करती है।
क्या सिर्फ डीसी-एसपी के बच्चे ही पढ़ेंगे
दरअसल, पुराने वीडियो में लड़की के सवाल सुनकर बड़े-बड़ों के होश उड़ रहे हैं। लड़की सीधे चुनौती देते हुए पूछ रही है कि क्या सिर्फ डीसी- एसपी के बच्चे पढ़ेंगे। मजदूरों के बच्चे अनपढ़ रहेंगे। मेरे माता-पिता मजदूरों के साथ धरना दे रहे हैं। इस लिए मैं भी धरना देने आई हूं। मैं प्रधानमंत्री की बेटी नहीं हूं, जो मुझे तकलीफ नहीं होगी। मासूम बच्ची के जवाब देने का अंदाज लोगों को काफी पसंद आ रहा है।