Sahibganj news, Jharkhand news : झारखंड में घुसपैठ का खेल किस हद तक हावी है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। खासकर बंगाल से सटे संताल परगना क्षेत्र में घुसपैठ का यह खेल दशकों से जारी है। समय-समय पर इसका पर्दाफाश भी होता रहा है, परंतु इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। हां इसपर राजनीति जरूर होती रही और हो रही है। बहरहाल, संताल के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका आदि क्षेत्रों में घुसपैठिये किस हदतक हावी है, दुमका की तौफुल बीबी इसका उदाहरण है, जिसके अलग-अलग साल में एक ही तिथि को आठ बच्चे हो गए। आगे पढ़िए…
औसतन छह महीने में दिया एक बच्चे को जन्म
साहिबगंज के राजमहल के नारायणपुर फेलुटोला निवासी तौफुल बीबी ने निकाह के बाद 26 साल में 13 बच्चों को जन्म दिया। यानी कि औसतन छह महीने में एक बच्चे। चौंकाने वाली बात यह कि इनमें से आठ बच्चों ने अलग-अलग वर्षों में एक जनवरी को पैदा लिया। ये सारे जन्म प्रमाण पत्र दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड के तालझारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से फर्जी तरीके से बनाए गए, जिसकी जांच कई स्तरों पर चल रही है। जन्म प्रमाण पत्र मामले में फर्जीवाड़े का खेल और भी है।
कब्र में है पांव और बनवा रहे जन्म प्रमाण पत्र
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में फर्जीवाड़े की एक बानगी यह भी है कि जिसके पैर कब्र में है, वह भी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने पर आमादा है।साहिबगंज के पता पर निर्गत एक जन्म प्रमाण पत्र की बानगी देखिए। यहां 15 जून 2021 को राजमहल नारायणपुर के कमाल टोला निवासी अब्दुल शेख ने 60 साल की उम्र में जन्म का निबंधन कराया तो कोहिनूर बीबी ने 54 साल में। यह स्वयं में सवाल खड़े करता है। दरअसल
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के बाद घुसपैठिये आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत तमाम ऐसे दस्तावेज बनवा लेते हैं, जो उनकी स्थानीय नागरिकता का प्रमाण बन जाता है और वे केंद्र और राज्य संपोषित योजनाओं का लाभ उठाते हैं और सरकार को चूना लगाते हैं।