राज्य में तीन साल की नौकरी पूरी कर चुके शिक्षकों का स्थानांतरण गृह जिला में होगा। इसके लिए नियमावली में सरकार संशोधन करेगी। इस आशय की जानकारी सुबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने झामुमो विधायक मथुरा महतो के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए विधानसभा में दी। पहले पांच साल सेवा देने के बाद ही गृह जिले में स्थानांतरण का प्रावधान था। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पति-पत्नी के आधार पर तथा दिव्यांग व असाध्य रोग से ग्रसित शिक्षकों के गृह जिला स्थानांतरण के लिए सेवा की कोई समय सीमा नहीं होगी। मथुरा महतो ने तीन साल सेवा की समय सीमा को भी घटाकर दो साल करने का सुझाव दिया। इस पर मंत्री ने कहा कि विशेष परिस्थिति में दो साल सेवा देने पर भी गृह जिला में स्थानांतरण पर विचार किया जाएगा।
समिति करेगी विचार
शिक्षा मंत्री के मुताबिक असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों से संबंधित अपवाद को अत्यंत विशेष परिस्थिति में रखा जाएगा और इस स्थानांतरण नीति के सामान्य नियम इनपर लागू नहीं होंगे। विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति सिर्फ विशेष परिस्थिति में ही इस तरह के अनुरोध पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण संबंधित जिला के लिए सूचीबद्ध भाषा के आधार पर ही होगा, क्योंकि इन शिक्षकों की नियुक्ति संबंधित जिला के लिए अनुमान्य जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के आधार पर हुई है।