Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
–°C
Fetching location…

बिहार सरकार ने जारी की जातीय गणना की सर्वे रिपोर्ट, 36 फीसदी के साथ सबसे अधिक अत्यन्त पिछड़ा

बिहार सरकार ने जारी की जातीय गणना की सर्वे रिपोर्ट, 36 फीसदी के साथ सबसे अधिक अत्यन्त पिछड़ा

Share this:

Bihar news, Patna news : बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। सरकार द्वारा जारी जातीय गणना के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। जातीय गणना के आंकड़े के मुताबिक अत्यंत पिछड़ा-36 फीसदी, पिछड़ा वर्ग-27 फीसदी, अनुसूचित जाति-19 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1.68 फीसदी है।

बिहार सरकार की तरफ से जारी जातीय गणना के मुताबिक बिहार में सवर्णों की तादाद 15.52 फीसदी है। इसमें भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, ब्राह्मणों की आबादी 3.66 फीसदी, राजपूत की आबादी 3.45 फीसदी है। जबकि कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, मुसहर की आबादी 03 फीसदी, यादवों की आबादी 14 फीसदी है।

कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा

जनगणना में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बतायी गयी है। इनमें हिन्दू समुदाय की आबादी 81.9 प्रतिशत, मुस्लिम की आबादी 17.7 प्रतिशत, ईसाई 0.05 प्रतिशत, सिख- 0.01 प्रतिशत, बौद्ध 0.08 प्रतिशत, जैन 0.0096 प्रतिशत अन्य धर्म के लोगों की आबादी 0.12 प्रतिशत है। 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में 10.07 करोड़ हिंदू और मुस्लिम की आबादी 2.31 करोड़ है। बिहार में सभी दलों की सहमति से जातीय गणना कराने पर सहमति बनी थी। सभी दलों की सहमति के बाद विधानमंडल के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित हुआ।

गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था

केन्द्र सरकार के इनकार के बाद बिहार सरकार ने अपने बूते पर जातीय गणना का काम शुरू किया, लेकिन जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था। मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद दो चरणों में जातीय गणना का काम पूरा हुआ। जातीय गणना का काम पूरा होने के बाद विपक्षी दल लगातार सरकार से जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। आखिरकार नीतीश सरकार ने 02 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर जातीय गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया।

Share this:

Latest Updates