Politics latest news : बिहार की राजनीति महागठबंधन के अंदर जो हलचल चल रही है। उसके उसके अनुसार उपचुनाव में प्रचार को लेकर नीतीश कुमार ने पहले ही दूरी बना ली है। चर्चा जोरों पर है कि आखिर महागठबंधन के प्रत्याशियों के प्रचार में नीतीश कुमार क्यों नहीं जा रहे हैं? क्या महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है? सियासी जानकारों की मानें, तो हाल में मुजफ्फरपुर की कुढ़नी विधानसभा सीट खाली हो चुकी है। अगर राजद इन तीनों सीटों पर विजयी हो जाता है, तब तेजस्वी यादव बिना किसी समर्थन के अपनी सरकार बना सकते हैं।
यह है बिहार में सत्ता का समीकरण
तेजस्वी जीतन राम मांझी के अलावा कांग्रेस को साध सकते हैं और खुद की सरकार बना सकते हैं। बिहार विधानसभा में 243 सीट हैं। जिसमें अभी 240 विधायक हैं। इसमें राजद के सबसे ज्यादा विधायक हैं। वहीं बीजेपी के राजद के 78 से एक कम यानि 77 हैं। जेडीयू के पास मात्र 45 विधायक हैं और कांग्रेस के 19 विधायकों के अलावा वाम दलों के 16 विधायक हैं। हम के चार विधायक और बाकी ओवैसी की पार्टी के एक किशनगंज वाले अख्तरुल इमान और एक निर्दलीय विधायक को तेजस्वी साध लेते हैं, तब उनकी खुद की सरकार बिहार में बन जाएगी।
जदयू के टॉप लीडर्स भी समझ रहे यह बात
जेडीयू के नेता इस बात को समझ रहे हैं। सियासी जानकारों की मानें, तो जेडीयू की प्रचार से दूरी का एक मुख्य कारण यही है। नीतीश के अलावा जेडीयू के कोई भी नेता इन उपचुनाव को लेकर कोई बयान नहीं दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बीजेपी दोनों सीटों पर अक्रामक होकर प्रचार कर रही है। आगे ऊंट किस करवट बैठेगा कहा नहीं जा सकता है ।लेकिन उपचुनाव के के बहाने राजनीतिक अटकलबाजी तेज है।