Ranchi news, education news : एनसीईआरटी की ओर से कराए गए अध्ययन में आई है। रिपोर्ट शिक्षा के विभिन्न मानकों पर राज्य में संचालित कस्तूरबा विद्यालयों के समेकित आकलन पर तैयार किया गया है। रिपोर्ट की मानें तो नामांकन मामले में झारखंड देश में छठे स्थान पर है। यहां हर वर्ष 50 हजार छात्राओं का नामांकन होता है। रिपोर्ट में और भी बहुत कुछ कहा गया है। आइये नजर डालते हैं…
कस्तूरबा विद्यालयों में स्वीकृत कुल सीटों में प्रत्येक वर्ष औसतन 96.39 प्रतिशत सीटें भर जाती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस श्रेणी के विद्यालयों में 100 प्रतिशत सीटों पर नामांकन होता है। तमिलनाडु और त्रिपुरा की भी कमोबेश यही स्थिति है। वहीं, मणिपुर में औसतन 97.78 प्रतिशत सीटें हर वर्ष भर जाती हैं। जबकि, तेलंगाना में तो एक लाख से अधिक छात्राओं का नामांकन होता है।
✓झारखंड के 203 विद्यालयों में सीटों की संख्या 71,050 है। इनमें औसतन 68,487 सीटों पर नामांकन प्रत्येक वर्ष होता है। इनमें 30,259 छात्राओं का नामांकन प्रारंभिक कक्षाओं तथा 38,228 का नामांकन माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं में होता है।
✓झारखंड के सभी 203 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में पढ़ाई हो रही है। दूसरी तरफ कई राज्य ऐसे हैं, जहां विद्यालय संचालित ही नहीं हो रहे हैं। बिहार, आंध्र प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर में ऐसे विद्यालयों की संख्या आधे से अधिक है। किसी का भवन नहीं है तो किसी के भवन के लिए जमीन ही नहीं मिल रही है।
✓रिपोर्ट में झारखंड सहित कई राज्यों के विद्यालयों में अनुबंध पर शिक्षक-शिक्षिकाएं बहाल किए जाने पर चिंता प्रकट की गई है। झारखंड के विद्यालयों में भी अनुबंध आधारित तथा अंशकालिक शिक्षक-शिक्षिका पठन-पाठन कराते हैं।
✓रिपोर्ट में कुछ सुरक्षा से संबंधित मुद्दे उठाए गए हैं तो राज्य स्तर पर किए गए बेस्ट प्रैक्टिसेज को भी सम्मिलित किया गया है।