Jharkhand में छठी JPSC सिविल सेवा के 346 अधिकारियों की नौकरी समाप्त कर दी गई है। झारखंड हाई कोर्ट की डबल बेंच ने छठी जेपीएससी मामले की सुनवाई 23 फरवरी को की और जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की एकल पीठ के आदेश को सही ठहराया है। सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया।
एकल पीठ के फैसले को दी गई थी चुनौती
बता दें कि प्रार्थी शिशिर तिग्गा समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने झारखंड हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए आदेश को निरस्त करने की गुहार लगाई थी। याचिका में कहा गया था कि जेपीएससी की मेंस परीक्षा में हिंदी व अंग्रेजी के कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही है और इसी आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार किया गया था, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं है।
जस्टिस एसके द्विवेदी की एकल पीठ ने नियुक्ति को बताया था अवैध
हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया था। अभ्यर्थियों ने इस फैसले पर असंतोष जताया था और आदेश को खिलाफ डबल बेंच में फैसले को चुनौती दे थी। आज डबल बेंच की अदालत ने भी उस फ फैसले को सही ठहराते हुए छठी जेपीएससी के रिजल्ट को अवैध करार दे दिया।