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Good planning : झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बनेंगी 774 किलोमीटर सड़कें, सुगम होगी यात्रा, ग्रामीण क्षेत्रों का होगा विकास

Good planning : झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बनेंगी 774 किलोमीटर सड़कें, सुगम होगी यात्रा, ग्रामीण क्षेत्रों का होगा विकास

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झारखंड के अति नक्सल प्रभावित जिलों में 774.42 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए जल्द ही टेंडर फाइनल हो जाएगा। सूबे के चतरा, लोहरदगा, गढ़वा, लातेहार, पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिले में सड़कें बनायी जायेंगी। इस बाबत झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। सभी सड़कों के निर्माण के लिए तकनीकी बिड भी खुल चुका है। अगले एक सप्ताह तक संवेदकों को काम भी आवंटित कर दिया जाएगा। उपायुक्त सड़कों में सिर्फ दो ही ऐसी सड़कें हैं जिनके लिए री-टेंडर करने की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि इन शब्दों के लिए संवेदक होने बीड नहीं भरा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय भी झारखंड में आरसीपीईडब्लूई योजना से स्वीकृत सड़क और पुल निर्माण की स्थिति की जानकारी ले चुका है। अति नक्सल प्रभावित इलाकों में इन सड़कों के बन जाने से ग्रामीण इलाकों का समग्र विकास होगा। साथ ही साथ वहां के लोगों को बड़ा फायदा होगा।

28 अक्टूबर 2021 को ही केंद्र ने दी थी मंजूरी

बता दे कि 28 अक्टूबर 2021 को ही इन योजनाओं की मंजूरी केंद्र ने दी थी। पहले चरण में 125 सड़कें और 71 पुलों का निर्माण किया जायेगा। इस पर 765 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। दूसरे चरण में झारखंड के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 58 सड़कें और 26 पुलों के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है।‌ दूसरे चरण में कुल मिलाकर 361 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। इसके निर्माण पर कुल ₹271 खर्च किए जाएंगे।

मार्च 2023 तक पूरी होगी योजना

झारखंड में आरसीपीडब्लूई योजना के तहत अति उग्रवाद प्रभावित जिलों में 12 महीने में 774 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मार्च 2023 तक योजना पूरी करने की शर्त पर संवेदकों को काम अलॉट किया जायेगा। केंद्र सरकार भी चाहती है कि जल्द से जल्द इन सड़कों का निर्माण पूरा किया जाए। इसलिए वह पुलों और सड़कों के निर्माण के संबंध में क्या योजना है, इसकी पूरी जानकारी ले रही है। ताकि काम शुरू होने के बाद बीच में कोई अड़चन पैदा ना हो। इन निर्माणों के बाबत केंद्र सरकार ने राज्य को स्पष्ट तौर पर यह कह दिया है कि योजना बेवजह रुकनी नहीं चाहिए जो भी अड़चन है उसे जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए ताकि निर्धारित समय पर योजनाएं पूरी की जा सकें। इधर संवेदक को काम आवंटित होने के 72 दिन बाद हर हाल में कार्य शुरू करने का लक्ष्य दिया गया है। इन निर्माणों के बाबत पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन जमा करने का निर्देश भी केंद्र सरकार ने संबंधित विभाग को दे दिया है।

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