सरस्वती पूजा के विसर्जन जुलूस के दौरान हजारीबाग जिला के बरही में उन्मादी भीड़ द्वारा रूपेश पांडेय की हत्या करने के मामले में हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआइ को जांच सौंपने का निर्देश दिया। रूपेश के स्वजनों ने आरोप था कि इस वर्ष गत छह फरवरी को सरस्वती पूजा विसर्जन जुलूस से लौटने के दौरान एक समुदाय विशेष के लोगों ने उसकी हत्या कर दी। रूपेश पांडेय की मां उर्मिला पांडेय ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
हाईकोर्ट ने हजारीबाग एसपी को दिया केस से जुड़े दस्तावेज सीबीआई को सौंपने का निर्देश
सुनवाई के दौरान शुक्रवार को जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने कहा कि इस मामले में पुलिस की जांच संतोषप्रद नहीं है। वह अभियुक्तों को बचा रही है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी जा रही है। कोर्ट ने हजारीबाग एसपी को इस मामले से संबंधित दस्तावेज जल्द से जल्द सीबीआइ को सौंपने का आदेश दिया है। साथ ही साथ यह भी कहा कि अगर एसपी केस से संबंधित दस्तावेज नहीं देते हैं तो सीबीआइ कोर्ट आने के लिए स्वतंत्र है।
विधानसभा में भी गरमाया था यह मामला
झारखंड विधानसभा में भी रूपेश पांडेय हत्याकांड का मामला उठा था। विधानसभा में भाजपा नेताओं ने मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की थी। इसके बाद यह मामला झारखंड हाई कोर्ट पहुंचा। इसमें अधिवक्ता परिषद ने भी पीड़ित परिवार को कोर्ट में पक्ष रखने में मदद की। छह फरवरी 2022 को करीब शाम पांच बजे रूपेश पांडेय अपने चाचा संग बरही में सरस्वती पूजा देखने गया था। वहां से लौटने के दौरान भीड़ ने रूपेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले को लेकर बरही थाना में 27 आरोपितों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। सात फरवरी को पुलिस ने इस हत्याकांड में चार लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में आरोपित पक्ष की ओऱ से पीड़ित परिवार पर भी एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।