Jharkhand (झारखंड) में जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सह पूर्व मंत्री सरयू राय के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग की ओर से डोरंडा थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दर्ज मामले में स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा ने लिखा है कि विधायक सरयू राय ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन करते हुए विभाग के गोपनीय सरकारी दस्तावेज हासिल किए हैं। मामला स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर कोरोना प्रोत्साहन राशि में अनियमितता के आरोप से जुड़ा है।
बन्ना ने आरोपों को सही माना : सरयू राय
दूसरी तरफ जमशेदपुर में सरयू राय ने अपने ऊपर दर्ज कराई गई प्राथमिकी को मूर्खतापूर्ण व कायराना करार दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मेरे ऊपर प्राथमिकी दर्ज करा कर यह मान लिया है कि मेरे
द्वारा प्रस्तुत उनके भ्रष्टाचार के कागजात सही हैं।
सरयू राय पर क्या है आरोप
कांड संख्या 105-22 में दो मई को दर्ज मामले में राय पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रिंट मीडिया के सामने कोरोना प्रोत्साहन राशि के भुगतान के संबंध में विभाग की फाइल के विभिन्न अंश को सार्वजनिक करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया है कि कोरोना प्रोत्साहन राशि के भुगतान से संबंधित फाइल की छायाप्रति विभाग की ओर से सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 अथवा अन्य वैधानिक रूप से विधायक सरयू राय को उपलब्ध नहीं कराई गई है।
किसी कर्मचारी पर मिलीभगत का अंदेशा
अवर सचिव ने दावा किया है कि विभाग के कार्यालय के किसी कर्मचारी से सांठगांठ कर विधायक ने अनधिकृत रूप से फाइल में लगे कागजात की छायाप्रति हासिल कर ली थी। इसके बाद उसे दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित कराया था। इससे विभाग की प्रतिष्ठा पर आघात लगा है और सरकार की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने लिखा है कि मामले में जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। सनद रहे कि इस मामले में सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर स्वयं और कोषांग के 59 कर्मियों को गलत तरीके से कोरोना प्रोत्साहन राशि दिलाने का आरोप लगाया था। हालांकि वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन ट्रेजरी से राशि निकासी नहीं होने के कारण राशि का भुगतान नहीं हुआ था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने सरयू राय पर चाईबासा कोर्ट में मानहानि का केस किया था।