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हंगामा और  विधायकों के निलम्बन के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित

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Ranchi news : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पांचवें दिन सदन में भाजपा के विधायकों के हंगामा के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामा करनेवाले भाजपा के 18 विधायकों को सदन से निलम्बित कर दिया था।

भाजपा विधायक वेल में बैठे और नारेबाजी की

गुरुवार को विधानसभा के सदन की कार्यवाही शुरूहोने से पहले ही भाजपा विधायक वेल में बैठे गये और नारेबाजी करने लगे। वेल में बैठे भाजपा विधायकों ने ‘विधानसभा अध्यक्ष हाजिर हों’ का भी नारा लगाया। इसके बाद 11 बज कर 15 मिनट पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्रवाई शुरू की। सदन की कार्रवाई शुरू होते ही झामुमो विधायक सुधीर कुमार सोनू ने कहा कि भाजपा के विधायकों ने सदन को हाईजैक कर लिया है। इन पर न्याय संगत कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने विधायकों के नाम भी पढ़े। इसी बात को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामा होने लगा। सदन में हंगामा करनेवाले विधायक मुख्यमंत्री से जवाब देने की बात पर अड़े गये। इस पर स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो ने भाजपा के 18 विधायकों को निलम्बित कर दिया। 

पांचवें दिन सदन के बाहर भाजपा का प्रदर्शन

गुरुवार को विधानसभा के सदन की कार्यवाही शुरूहोने से पहले ही भाजपा विधायक वेल में बैठे गये और नारेबाजी करने लगे। वेल में बैठे भाजपा विधायकों ने ‘विधानसभा अध्यक्ष हाजिर हों’ का भी नारा लगाया। इसके बाद 11 बज कर 15 मिनट पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्रवाई शुरू की। सदन की कार्रवाई शुरू होते ही झामुमो विधायक सुधीर कुमार सोनू ने कहा कि भाजपा के विधायकों ने सदन को हाईजैक कर लिया है। इन पर न्याय संगत कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने विधायकों के नाम भी पढ़े। इसी बात को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामा होने लगा। सदन में हंगामा करनेवाले विधायक मुख्यमंत्री से जवाब देने की बात पर अड़े गये। इस पर स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो ने भाजपा के 18 विधायकों को निलम्बित कर दिया। 

पांचवें दिन सदन के बाहर भाजपा का प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पांचवें दिन गुरुवार को भी भाजपा विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठे हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। सभी विधायकों के हाथों में तख्तियां हैं, जिन पर लिखा है…’सहायक पुलिसकर्मी और होमगार्ड के परमानेंट का क्या हुआ। पांच लाख नौकरी का क्या हुआ, युवाओं के सपनों का क्या हुआ, लुटेरे हेमन्त शर्म करो, स्नातक को 5000 और स्नातकोतर को 7000 बेरोजगारी भत्ता का क्या हुआ, धोखेबाज हेमन्त हाय-हाय।’

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