Jharkhand (झारखंड) के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर रोप-वे हादसे के 45 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया। रोप-वे की ट्रॉलियों में फंसे 48 लोगों में से 46 को बचा लिया गया है। हादसे में 4 लोगों की जान गई है और 12 से ज्यादा घायल हैं। रेस्क्यू के दौरान दूसरे दिन भी 11 अप्रैल को एक महिला ट्रॉली से गिर गई। उसकी मौत हो गई। सोमवार को भी एक युवक की हेलिकॉप्टर में चढ़ाने के दौरान गिरने से जान चली गई थी।
आज 7 घंटे चला ऑपरेशन
12 अप्रैल को तीसरे दिन 7 घंटे के करीब ऑपरेशन चला। एयरफोर्स और ITBP के जवानों ने हेलिकॉप्टर से 2500 फीट ऊंचाई पर पहुंचकर रोप-वे की तीन ट्रॉलियों में फंसे 15 को निकाल लिया। ऊंचाई और तेज हवा होने की वजह से यह सबसे मुश्किल रेस्क्यू हुआ। रेस्क्यू के दौरान एक जवान के पैर में चोट लग गई। एक दिन पहले 11 अप्रैल को सेना, वायुसेना, ITBP और NDRF की टीमों ने 12 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। इसमें 33 लोगों को तीन हेलीकॉप्टर और रस्सी के सहारे बचाया गया था। रेस्क्यू के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट जाने के कारण एक व्यक्ति की हेलिकॉप्टर से नीचे गिर कर मौत हो गई थी। अंधेरा और कोहरा हो जाने की वजह से ऑपरेशन बंद कर दिया गया था।
वायु सेना के लगे तीन हेलीकॉप्टर
वायु सेना, सेना और NDRF की टीमों ने अतिरिक्त सतर्कता बरती। टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि तीन ट्रॉली सबसे ऊंचाई पर थे, जिसकी वजह से रोप-वे के तार के कारण लोगों तक पहुंचने में कठिनाई आई।
इस ऑपरेशन में वायु सेना के तीन हेलिकॉप्टर लगाया गया था। आला अधिकारियों ने लगातार मौके पर कैंप किया। इस हादसे में बचाए गए 12 से अधिक लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें महिलाएं और बच्चियां शामिल हैं। कुछ घायलों को ICU में भी रखा गया है।