Jharkhand के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के 30 श्रमिक मलेशिया में फंसे हुए हैं। अब उनके घर पहुंचने की उम्मीद जल्द पूरी होगी। इस विषय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य के श्रम विभाग ने इनको झारखंड वापस लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा मलेशिया में भारत के उच्चायुक्त बीएन रेड्डी को पत्र लिखा गया है और इस मामले में उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है। गौरतलब है कि पिछले चार माह से इन मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है और न ही ठेकेदार द्वारा उन्हें भारत वापस भेजा जा रहा है।
30 जनवरी 2019 से कर रहे वहां काम
मलेशिया में भारत के उच्चयुक्त को लिखे पत्र में बताया गया है कि झारखंड के 30 मजदूर लीडमास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी में कार्यरत हैं। इन सभी से नेगेरी सेम्बिलन दारुल खुसस, मलेशिया ट्रांसमिशन कार्य में लाइनमैन के रूप में कार्य लिया गया है। श्रमिक 30 जनवरी 2019 से वहां काम कर रहे हैं। उनका अनुबंध 3 साल की अवधि के लिए था, जो अब खत्म हो गया है, लेकिन ठेकेदार द्वारा उन्हें वापस भारत नहीं भेजा जा रहा है। इतना ही नहीं, पिछले चार माह से मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया गया है। श्रम विभाग के सचिव प्रवीण टोप्पो ने उच्चायुक्त से अनुरोध किया है कि मामले में हस्तक्षेप करें और कंपनी/ठेकेदार को श्रमिकों के वैध बकाया राशि भुगतान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।