पारसनाथ में आयोजित कांग्रेस के चिंतन शिविर में नेताओं ने अपनी हर बात को शेयर किया है। गिरिडीह के मधुबन में आयोजित इस तीन दिवसीय चिंतन शिविर में जहां दूसरे दिन विधायक दीपिका पांडेय ने कार्यकर्ताओं के मान सम्मान को लेकर राज्य के सीएम की कार्यशैली पर सवाल उठाया था तो तीसरे दिन सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गठबंधन की सरकार पर सीधा हमला बोला।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि पार्टी ने चिंतन शिविर बहुत व्यापक तरीके से चलाया है। हमें बौद्धिक रूप से भी ऊर्जा प्रदान करने का काम किया। संगठिक रूप से कैसे ज्यादा से ज्यादा मेम्बर बन सकते हैं, सरकार-पार्टी के समन्वय व गठबंधन पर भी बातचीत हुई है। कांग्रेस के चिंतन शिविर से शरीर में नई ऊर्जा आ गई है, लेकिन सभी लोगों को दुखी हैं, दर्द में हैं। हम गठबंधन की सरकार को चला रहे हैं और इस सरकार में हमारी स्थिति.. जब मांझी ही नाव डुबोये तो उसे कौन बचाये जैसी हो गई है।
तो ऐसी सरकार का क्या औचित्य..
उन्होने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ही चाहते हैं कि कांग्रेस समाप्ति की ओर चली जाए और हमारी पार्टी के सारे वोटर उनकी तरफ चले जाएं तो ऐसी सरकार का कोई औचित्य आखिर क्या है। उन्होंने कहा कि जब हमारी पार्टी बचेगी तभी हम बचेंगे।
राष्ट्रभाषा के साथ समझौता नहीं
उन्होंने कहा कि हम मंत्री बनकर घूम रहे हैं, यह अच्छा लगता है, लेकिन हम मंत्री कैसे बने, कैसे जमशेदपुर जैसे शहर से एक लाख वोट हम लेकर आ रहे हैं, यह सोचने की जरूरत है। हमें यह तय करना होगा हमारी विचारधारा व सिद्धान्त कभी कमजोर नहीं हो और राष्ट्रभाषा के साथ कभी समझौता नहीं किया जा सकता। जिस दिन राष्ट्रभाषा के साथ और मां भारती के साथ समझौता करना पड़ेगा तो मेरे जैसा लोग इस्तीफा देना उचित समझेंगे। उन्होंने कहा कि समन्वय समिति बने और इसी से हम उनको घेर सकते हैं।