Jharkhand (झारखंड) विधानसभा का बजट सत्र होली के अवकाश के बाद 23 मार्च को शुरू हुआ। कार्यवाही शुरू होते ही हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने सूचना के तहत राज्य में रामनवमी और सरहुल का जुलूस निकालने की अनुमति देने की मांग की। कहा कि इसे लेकर कई बार विधानसभा में भी मामला उठाया गया। मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों से मिलकर जुलूस निकलने देने का आदेश देने का आग्रह किया गया। इसके बाद भी सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया। जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह सच है कि मनीष जयसवाल ने उनसे मिलकर आवेदन दिया है। सरकार सभी धर्मों की भावना का ख्याल रखेगी। इस मुद्दे पर भी सरकार के स्तर पर विचार हो रहा है। मंत्री के जवाब से नाराज भाजपा विधायकों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया।
अध्यक्ष बोले, सदन में विषय समाधान के लिए आता है, हंगामे के लिए नहीं
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि अगर यही सवाल का जवाब है तो सवाल करने का क्या मतलब है। कहा कि सरकार हिन्दू विरोधी है और तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। हंगामा से नाराज स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि यह परंपरा ठीक नहीं है। जब मंत्री जवाब देने के लिए उठते हैं तो आप लोग सदन में हाथ घुमाने लगते हैं। ऐसा नहीं होता है। सदन में विषय समाधान के लिए आता है, हंगामा करने के लिए नहीं।
हेमंत सोरेन ने विपक्ष की ली चुटकी
कार्यवाही के दौरान राज्य में वर्ष 1932 पर आधारित स्थानीय नीति बनाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्षी दल भाजपा के विधायकों की चुटकी ली। कहा कि भाजपा के लोग कहें तो 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति लागू कर दी जाए। इस पर भाजपा विधायकों ने इसे लागू कराने की चुनौती दी। कहा कि हम सहमति दे रहे हैं। मुख्यमंत्रो ने कहा कि दो साल में ही बदल गए। वर्ष 1985 को छोड़कर वर्ष 1932 को मानने के लिए तैयार हो गए। इससे पहले विधायक प्रदीप यादव ने विभिन्न परीक्षाओं में उम्र सीमा में छूट देने की मांग की। कहा कि राज्य में होमगार्ड की बहाली तत्काल होनी चाहिए। अनुबंध कर्मियों को नियमित तौर पर नियुक्त किया जाना चाहिए। पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसद आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।