Case of gang rape of Spanish woman in Dumka heated up in the House, Ranchi news, Jharkhand news : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के सातवें और अंतिम दिन शनिवार को दुमका में स्पेन की महिला से सामूहिक दुष्कर्म और प्रधानमंत्री के बयान पर चर्चा करने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा किया। 12.04 में दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो भाजपा के विधायक दुमका में स्पेन की महिला से सामूहिक दुष्कर्म को लेकर हंगामा करते हुए वेल में आ गये।
इस बीच भाजपा विधायक अमित मंडल ने हंसडीहा में विदेशी महिला के साथ घटी दुष्कर्म की घटना को उठाया। उन्होंने कहा कि इस मामले की लीपापोती में लोकल थाना और एसपी लगे हैं। संसदीय कार्य मंत्री एसपी की बर्खास्तगी और मामले की जांच कराने की पहल करें। आठ लोगों ने इस मामले को अंजाम दिया है।
उल्लेखनीय है कि दुमका जिले के हंसडीहा थाना अंतर्गत कुरमाहाट इलाके में शुक्रवार देर रात स्पेन की महिला पर्यटक के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
सुदिव्य सोनू ने प्रधानमंत्री के बयान पर सदन में विशेष चर्चा कराने की मांग की। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक वेल में नारेबाजी करने लगे। इससे पहले स्पीकर के आसन ग्रहण करने के साथ ही विधायक प्रदीप यादव ने प्रधानमंत्री के धनबाद कार्यक्रम में उनके सम्बोधन पर सवाल उठाते विशेष चर्चा की मांग की।
प्रदीप यादव ने कहा कि कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धनबाद आये थे। वहां वह पंचायत स्तर के नेता की तरह झारखंडवासियों को गाली देकर चले गये। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि धारा 53 का दुरुपयोग करते जबरन पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को जेल में बंद रखा गया है। इसके बाद कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी और उमाशंकर अकेला अन्य विधायकों ने भी इसका समर्थन किया और वेल में आ गये थे। भाजपा के भी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे थे।
राजेश कच्छप ने सदन में एचईसी का मुद्दा उठाया
खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने एचईसी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एचईसी कर्मियों को 20 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। एचईसी की बदहाली के लिए केन्द्र और भाजपा सरकार जिम्मेवार है। कच्छप ने कहा कि यदि एचईसी बंद होता है, तो खाली जमीन को रैयतों को वापस कर देना चाहिए।
इसका जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री डॉ. रामेश्वर ने कहा कि इसमें सरकार कुछ नहीं कर सकती है। कम्पनी को ही खाली और बिना इस्तेमाल होनेवाली जमीन को वापस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने नियम बनाया था कि जो कम्पनी जमीन अधिकृत करेगी। यदि वह पांच साल तक इसका इस्तेमाल नहीं करती है, तो उसे रैयतों को वापस कर देना होगा। विधायक राजेश कच्छप ने सदन में कहा कि यदि एचईसी बंद होता है, तो राज्य सरकार इसे टेकओवर कर ले और खाली पड़ी जमीन को रैयतों वापस कर दे।