गैंगस्टर अमन साव की याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची सीजेएम की कोर्ट ने सरकार को रिजॉइंडर फाइल करने का निर्देश दिया है। बता दें कि अमन साव द्वारा रांची सीजेएम कोर्ट में एक आवेदन दाखिल कर इस बात की जानकारी दी गयी की पाकुड़ जेल में न्यायिक हिरासत में होते हुए बिना कोर्ट की अनुमति के उसे पश्चिम बंगाल से जुड़े एक मामले में अलीपुर कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। इस प्रक्रिया की जानकारी कोर्ट को नहीं देना गलत है। मामले की सुनवाई करते हुए रांची CJM की कोर्ट ने सरकार का पक्ष रख रहे अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
धुर्वा थाना से जुड़े मामले में है आरोपित
अमन साहू के अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने बताया कि रांची के धुर्वा थाना से जुड़े एक मामले में अमन साहू को आरोपित किया गया है। यह मामला रांची CJM की कोर्ट में लंबित है। इसलिए उक्त न्यायालय में आवेदन दिया गया है। आवेदन में यह कहा गया है कि पाकुड़ जेल प्रशासन ने रिमांड के आदेश का उलंघन करते हुए बिना कोर्ट की इजाजत के न्यायिक हिरासत में बंद अभियुक्त को दूसरे राज्य के कोर्ट में प्रस्तुत किया है।
बड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्त में आया था
बता दें कि हजारीबाग के बड़कागांव थाना से 29 सितंबर 2019 को फरार हुए गैंगस्टर अमन साव को रांची पुलिस ने बीते 20 जुलाई को गिरफ्तार किया था। अपराधी अमन साव रांची, चतरा, हजारीबाग, लातेहार और रामगढ़ में सुजीत सिन्हा के नाम पर लगातार अपराध और धमकी भरा फोन कॉल किया करता था। वह पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था।
गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगाई गई थीं
अमन की गिरफ्तारी के लिए बिहार, बंगाल और नेपाल तक पुलिस की टीम गई लेकिन अमन का सुराग नहीं लग सका था। इस दौरान सुजीत सिन्हा और अमन साव गिरोह के दो दर्जन से अधिक बदमाश जरूर पकड़े गए. लेकिन अमन साव पुलिस की पकड़ से दूर बेखौफ होकर लोगों से रंगदारी मांगने का काम कर रहा था। साथ ही लोगों की हत्या की साजिश भी रच रहा था।