Jharkhand (झारखंड) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) गोपाल जी तिवारी संकट में फंस सकते हैं। राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB ) ने एक बार फिर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से इजाजत मांगी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ACB का डेढ़ साल के भीतर यह तीसरा रिमाइंडर है।
आय से अधिक संपत्ति का मामला पुष्ट
डेढ़ साल पहले ACB की प्रारंभिक जांच में गोपालजी तिवारी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप की पुष्टि हुई थी। इसके बाद ACB ने मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। गोपाल जी तिवारी पर पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक 21.55 करोड़ रुपये अर्जित करने और काली कमाई को जमीन व फ्लैट में निवेश करने का आरोप था। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री के आदेश पर ही ACB ने गोपाल जी तिवारी के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी। तिवारी को उनके पद से हटाते हुए मुख्यमंत्री ने उन पर लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए थे। गोपाल जी तिवारी वर्तमान में पथ निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं।