झारखंड में पंचायत चुनाव के दौरान दो केंद्रीय मंत्रियों अन्नपूर्णा देवी और कपिल मोरेश्वर पाटिल से राज्य सरकार ने राजकीय अतिथि का दर्जा छीन लिया है। वहीं एक और केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह के खिलाफ सोमवार को पत्र जारी हो सकता है। आकांक्षी जिलों में इन मंत्रियों के प्रवास का कार्यक्रम केंद्र सरकार की ओर से तय किया गया था। झारखंड के 19 आकांक्षी जिलों में 19 मंत्रियों के प्रवास का कार्यक्रम निर्धारित किया गया था। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने दो मंत्रियों से संबंधित पत्र उनके भ्रमण से संबंधित जिलों के डीसी को भेज दिया है। माना जा रहा है कि तीसरे मंत्री राजकुमार सिंह का दर्जा छीने जाने का पत्र सोमवार को जारी होगा। हालांकि इस बीच कुछ केंद्रीय मंत्रियों की सुविधाएं कायम रहेंगीं।
जैसे- जैसे कार्यक्रम वैसे- वैसे कार्रवाई
जिन मंत्रियों के कार्यक्रम में स्थानीय कार्यकर्ताओं या भाजपा नेताओं से मिलना जुड़ा हुआ था, उनसे यह दर्जा छीना जा रहा है। जैसे-जैसे कार्यक्रम तय होते जाएंगे वैसे-वैसे कार्रवाई भी होगी। इस बीच, इन कार्रवाइयों पर भाजपा ने आपत्ति जताई है और इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने सवाल उठाया है कि जब दलगत आधार पर चुनाव नहीं हो रहा है तब ऐसी कार्रवाई का औचित्य नहीं था।
केंद्रीय मंत्रियों पर आचार संहिता के तहत कार्रवाई
झारखंड सरकार के सूत्रों की मानें तो दोनों केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ आचार संहिता के तहत यह कार्रवाई की गई है। दोनों मंत्रियों की ओर से राज्य सरकार को जो कार्यक्रम भेजा गया था उसके तहत इन्हें जिले के अधिकारियों के अलावा स्थानीय प्रमुख लोगों से मिलना शामिल था। अन्नपूर्णा देवी का कार्यक्रम दुमका में तय था तो सिमडेगा में कपिल मोरेश्वर पाटिल को पहुंचना था। प्रदेश के आकांक्षी जिलों में 19 केंद्रीय मंत्रियों के प्रवास का कार्यक्रम केंद्र सरकार की ओर से पहले ही तय किया गया था। नियमानुसान केंद्रीय मंत्रियों को राजकीय अतिथि का दर्जा मिलता है। राज्य सराकर ने आचार संहिता के तहत स्थानीय कार्यकर्ताओं से मुलाकात को राजनीतिक कार्यक्रम माना है और यह कार्रवाई की है। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने इससे संबंधित पत्र संबंधित उपायुक्तों को भेज दिया है।
मंत्रियों को नहीं मिलेंगी ये सुविधाएं
राजकीय अतिथि का दर्जा मिलने पर मंत्रियों के आवासान, खानपान और वाहनों का प्रबंध राज्य सरकार के द्वारा किया जाता है। गाड़ियों में ईंधन तक सरकारी खर्चे से मिलता है। इनके लिए सरकारी स्तर से अब सिर्फ सुरक्षा का प्रबंध होगा। मंत्रियों को एक्स, वाई अथवा जेड जिस भी श्रेणी की सुरक्षा आवंटित की गई होगी, वह राज्य सरकार मुहैया कराएगी।