Jharkhand में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) के दिन अब धीरे-धीरे बहुरने की स्थिति में आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि एचईसी को लेकर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय गंभीरता दिखा रहा है। एचईसी की क्षमता से वाकिफ मंत्रालय अब इसके पुनरुद्धार की तैयारी में जुटा है। इसके लिए पहले चरण में स्थायी सीएमडी यानी चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर की नियुक्ति की तैयारी है। इसके लिए 28 फरवरी 2022 को दिल्ली में साक्षात्कार होने वाला है। एचईसी के वर्तमान डायरेक्टर मार्केटिंग व प्रोडक्शन डॉ. राणा एस चक्रवर्ती भी साक्षात्कार में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि वह इस पद के प्रबल दावेदारों में एक हैं। इस पोस्ट के लिए एचईसी से सिर्फ डॉ. राणा एस चक्रवर्ती ही साक्षात्कार में शामिल हो रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, चार से पांच अन्य लोग भी इंटरव्यू में भाग लेंगे।
2 साल में नहीं मिला स्थायी सीएमडी
गौरतलब है कि लोक उद्यम चयन बोर्ड द्वारा 2 साल में दो बार स्थायी सीएमडी के लिए साक्षात्कार पहले भी हुआ था, लेकिन कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिल सका। इधर नए सीएमडी के लिए इंटरव्यू की सूचना से कंपनी के कामगारों और अधिकारियों में उत्साह है।
ऐसी उम्मीद जगने की बात कही जा रही है कि अब एचईसी फिर से पुरानी रंगत में लौटेगी। इसके लिए केंद्र सरकार तैयारी कर रही है। मैनेजमेंट वेतन देने की पूरी कोशिश में है संभवत 1 सप्ताह में सभी कामगारों के खाते में वेतन पहुंच जाएगा।
200 एकड़ जमीन देने सरकारी संस्थाओं को देने की मांगी गई है अनुमति
कुछ खास सूत्रों से यह जानकारी मिल रही है कि प्रबंधन ने भारी उद्योग मंत्रालय से 200 एकड़ जमीन को सरकारी संस्थाओं को देने की अनुमति मांगी है। संभवत: इसकी अनुमति मिल जाए। यदि अनुमति मिलती है तो एचईसी के पास दो हजार करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध हो जाएगा, जिसके सहारे पुनरुद्धार संभव है,क्योंकि केंद्र सरकार एचईसी प्रबंधन को पहले ही कह चुकी है कि अपने संसाधनों से ही कंपनी चलानी पड़ेगी।
राज्यपाल की सकारात्मक भूमिका
सूत्र यह बता रहे हैं कि केंद्र के रुख के आधार पर ही जमीन देने का निर्णय लिया गया है। इस काम में राज्यपाल रमेश बैस का भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे और राष्ट्रपति से मिलना कारगर बताया जा रहा है। हाल में ही एचईसी भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने कहा था कि कंपनी में अपार संभावनाएं निहित हैं। यदि थोड़ा प्रयास किया जाए तो यह वर्किंग में आ सकती है। इसी का नतीजा है कि आज केंद्र सरकार एचईसी को लेकर गंभीर दिख रही है।