Ranchi news : झारखंड हाई कोर्ट ने अफीम, चरस, गांजा आदि ड्रग्स के कारोबार में लगातार वृद्धि पर स्वत संज्ञान लिया है। इस मामले को लेकर साेमवार काे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने मौखिक कहा कि राज्य में अफीम, चरस, गांजा जैसे मादक पदार्थों की बिक्री एवं अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम पर राज्य सरकार संवेदनशील बने। पुलिस द्वारा इसकी बिक्री पर रोकथाम को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) प्रस्तुत नहीं किये जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जतायी।
कोर्ट ने कहा कि इन गम्भीर विषयों पर राज्य सरकार को जल्द जवाब दाखिल करना चाहिए था। यदि राज्य सरकार जवाब दाखिल नहीं करती है, तो कोर्ट खुद सख्त आदेश पारित कर सकता है। इससे पहले सुनवाई के दौरान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उसने झारखंड में अफीम की खेती का पता लगाने के लिए बिजाग-एन नाम का एक ऐप बनाया है, जिसका पासवर्ड राज्य सरकार के साथ शेयर किया जा चुका है, जिसके आधार पर राज्य सरकार खूंटी सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में अफीम की खेती का पता लगा कर उसे नष्ट कर सकती है। कोर्ट ने इस बिन्दु पर भी राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक कहा था कि पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) आपसी सहयोग से झारखंड में अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए कार्रवाई करें। खूंटी सहित राज्य के कई जिलों में जंगलों में अफीम की खेती होती है। सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से पुलिस और एनसीबी को-ऑर्डिनेशन से इसका पता लगा कर इन्हें नष्ट करने की दिशा में कार्रवाई करें। पुलिस को भी कोर्ट ने निर्देश दिये थे कि वह अफीम, चरस, गांजा सहित अवैध शराब पर नियंत्रण के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाये और इस सम्बन्ध में जवाब दाखिल करे।