Ranchi news: झारखंड हाई कोर्ट नशे के कारोबार पर काफी सख्त है। हाई कोर्ट ने मौखिक कहा कि नशे के सौदागर युवाओं की जिन्दगी बर्बाद कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य में नशे के शिकार युवा रिनपास में भर्ती हो रहे हैं और जीवन-मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। राजधानी रांची सहित झारखंड में अफीम, गांजा चरस आदि का धड़ल्ले से बिकना अभिभावकों, राज्य सरकार एवं कोर्ट के लिए चिन्ता का विषय बना हुआ है। ड्रग्स माफियाओं के नेटवर्क को ध्वस्त करना होगा। इनका नेटवर्क इंटर स्टेट एवं विदेश तक रहता है।
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कोर्ट ने मौखिक कहा कि रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र, बिरसा चौक आदि क्षेत्रों में अफीम, चरस व गांजा का व्यापार फल-फूल रहा है। पुलिस को सख्ती से इस पर अंकुश लगाना होगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि रांची शहर में बार एवं रेस्टोरेंट देर रात खुले रहते हैं, जिससे हत्या सहित अन्य अप्रिय घटनाएं होती रहती हैं। पुलिस की जिप्सी बार एवं रेस्टोरेंट के समीप मूकदर्शक बन कर खड़ी रहती है और इन पर किसी तरह का एक्शन नहीं लेती है। कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक कहा कि बिना लाइसेंस के जगन्नाथपुर, बिरसा चौक सहित अन्य इलाकों में अवैध रूप से शराब बिकती है। इस पर अंकुश के लिए राज्य सरकार एक गाइडलाइन तैयार करे और कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे।
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि पुलिस अफीम, चरस व गांजा की बिक्री पर रोक लगाने के लिए लगातार कई छापेमारी कर रही है और कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। हाल के दिनों में बड़े पैमाने पर गांजा के साथ अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य सरकार कमेटी बना कर बार एवं रेस्टोरेंट के बंद होने के समय पर नजर रख रही है। बार एवं रेस्टोरेंट में नियमों का उल्लंघन पर उत्पाद विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है। राज्य सरकार बिना लाइसेंस के गलत ढंग से शराब बिक्री करनेवालों पर सख्ती कर रही है।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि शराब के व्यापार में सरकार को राजस्व का लाभ होता है। लेकिन मोहल्ले, लोगों के घरों के आसपास, मंदिरों के आसपास शराब बिक्री से आम लोगों का जीवन मुश्किलों भरा हो जाता है। ऐसी जगह पर शराब बिक्री का लाइसेंस न दिया जाये। कई ऐसे भी रेस्टोरेंट हैं, जिन्होंने बार का लाइसेंस नहीं लिया है और उनके यहां शराब पीने की व्यवस्था रहती है। उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाये। खूंटी में अफीम की फसलों को नष्ट करने एवं झारखंड में अफीम, चरस, गांजा आदि ड्रग्स के कारोबार में लगातार वृद्धि पर हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है।