New thinking sets new example. नयी सोच समाज में नयी मिसाल प्रस्तुत करती है। समाज भी ऐसी सोच को मान्यता देता है। यह परंपरा ही नहीं, आधुनिकता की दिशा में एक नया कदम भी है। 13 फरवरी को झारखंड के खूंटी जिले में ऐसी ही मिसाल देखने को मिली। इसमें समाज के लोगों के अलावा खूंटी जिला प्रशासन और निमित्त संस्था की भूमिका सराहनीय रही। इनके सहयोग से बिरसा कॉलेज फुटबॉल स्टेडियम परिसर में लिव इन रिलेशन में रहनेवाले 100 जोड़े समाज के सामने एक दूजे के हो गए अर्थात विवाह बंधन में बंधकर इसकी जिम्मेदारी विधिवत शुरू कर दी। पहान और पुजारियों ने पारंपरिक तरीके से विवाह संपन्न कराया। लिव इन रिलेशन में रहनेवाले सभी जोड़ों को सामाजिक मान्यता दिलाई। इस मौके का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसके मुख्य अतिथि बने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश। उन्होंने सभी नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। शुभकामनाएं दी।
अब नयी दिशा मिलेगी
मुख्य अतिथि ने कहा कि झारखंड के गांवों में हजारों ऐसे जोड़ें हैं, जिनका औपचारिक विवाह नहीं हुआ है। लिव इन रिलेशन में रहने वाले परिवारों को गांव में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता है। इससे उनमें असुरक्षा की भावना बनी रहती है और कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे परिवारों के लिए यह कार्यक्रम उम्मीद जगाता है। बिना शादी के साथ रहने वाले जोड़ों को अब नयी दिशा मिली है।
हजारों परिवारों के लिए जगी है उम्मीद
इस अवसर पर खूटी के डिप्टी कमिश्नर (DC) शशि रंजन ने कहा कि लिव इन रिलेशन में रहने वाले जोड़ों के सामूहिक विवाह से हजारों परिवारों के लिए उम्मीद जगी है। उन्हें सामाजिक रूप से सम्मान दिलाया जा सकेगा। नव विवाहित जोड़ों को जिला प्रशासन की ओर से सभी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। उन्हें रजिस्टर्ड विवाह प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। महिलाओं को जेएसएलपीएस के सखी मंडल से जोड़कर आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जाएगा।