Jharkhand News : झारखंड की सियासत का पारा रोज-रोज नया-नया टेंपरेचर अख्तियार कर रहा है। 30 अगस्त को महागठबंधन के कई विधायक और मंत्री रायपुर चले जाते हैं। फिर अगले दिन 31 अगसत को कांग्रेस के मंत्री वहां से रांची लौट आते हैं। इस बीच यह खबर आती है कि 1 सितंबर को कैबिनेट की मीटिंग होगी, जिसमें विधानसभा के नए सत्र को बुलाने का फैसला हो सकता है। इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विश्वास मत प्रस्ताव ला सकते हैं। सियासत में बहुत कुछ बिना बोले हुए भी किया जाता है और इसमें आज के दौर में बीजेपी की सिद्धहस्तता प्रमाणित है। इसी डर से महागठबंधन के विधायक पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शिफ्ट हो जाते हैं।
क्या बोले कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम
अपडेट सूचना के अनुसार, कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री- आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता, रामेश्वर उरांव और बादल पत्रलेख स्पेशल फ्लाइट से रायपुर से रांची रवाना हुए थे। एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले आलमगीर आलम ने बताया कि कल वापस आ रहे हैं। सरकार का कोई भी काम प्रभावित ना हो, इसलिए पहले से प्रस्तावित कैबिनेट में हिस्सा लेने के लिए यह रांची जा रहे हैं।
हॉर्स ट्रेडिंग का डर, इसलिए विधायकों को शिफ्ट किया : भूपेश बघेल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शिमला के लिए रवाना हो गए हैं। शिमला जाने से पहले उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जिस तरह से हॉर्स ट्रेडिंग कर रही है, इसके चलते झारखंड के विधायकों को छत्तीसगढ़ में ठहरने के लिए कहा गया है। एक सप्ताह हो गया है राजभवन से नोटिफिकेशन को लेकर लिफाफा नहीं खुल पाया है। इसका मतलब साफ है कि अंदर खाने कुछ तो पक रहा है। ऐसी स्थिति में विधायकों की सुरक्षा के लिए वो छत्तीसगढ़ में आए हैं, यहां रिसॉर्ट में हैं।
रायपुर के मेफेयर रिजॉर्ट में 31 विधायक
झारखंड में सियासी संकट के बीच UPA के विधायकों को रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। कांग्रेस-JMM और राजद के 31 विधायकों को रांची से इंडिगो के विशेष विमान से रायपुर लाया गया है। विधायकों को 3 बसों में बैठाकर नवा रायपुर के मेफेयर रिजॉर्ट ले जाया गया। रिसॉर्ट के बाहर चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस रिजॉर्ट को 2 दिनों के लिए बुक किया गया है। 30 अगस्त की देर रात छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी विधायकों से रिजॉर्ट में मुलाकात की थी।