राजधानी रांची में रविवार की सुबह अरगोड़ा थाना क्षेत्र के ओल्ड पुंदाग में दवा व्यवसाई राकेश रंजन ने अपने अपार्टमेंट के तीसरे माले से कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलने पर अरगोड़ा थाना की पुलिस वहां पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा। घटना रविवार की सुबह करीब 8:10 की बताई जा रही है। पुलिस को पूछताछ में जानकारी मिली है कि मृतक राकेश रंजन का नाम रेमडेसीविर इंजेक्शन के कालाबाजारी में आया था। दवा कारोबारी का बयान इस मामले में जांच कर रही सीआईडी की टीम ने भी दर्ज की थी।
तनाव में चल रहे थे राकेश रंजन
परिजनों के अनुसार वे काफी तनाव में थे। इस वजह में खुदकुशी कर ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मेडिसिन प्वाइंट के संचालक था राकेश रंजन।यह वही राकेश रंजन हैं, जिनका नाम पूर्व में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में गिरफ्तार राजीव सिंह ने सीआइडी की पूछताछ में लिया था।
अरगोड़ा के मेडिसिन प्वाइंट के संचालक थे
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले का अनुसंधान कर रही अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) की टीम ने अरगोड़ा के मेडिसिन प्वाइंट के संचालक राकेश रंजन को सरकारी गवाह बना दिया है। राजीव सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसने रेमडेसिविर इंजेक्शन राकेश रंजन से लिया है। जब सीआइडी की टीम पूरे मामले की छानबीन की तो कहानी कुछ और ही सामने आई है. सभी इंजेक्शन डोरंडा के हिनू स्थित सृष्टि अस्पताल से निकले थे. पूछताछ में सीआइडी को जानकारी मिली कि सृष्टि अस्पताल से जुड़े मनीष सिन्हा ने इंजेक्शन के बदले पैसा नहीं लिया था। जान पहचान और मित्रता होने के नाते उन्होंने यह इंजेक्शन राकेश रंजन को दिया था।