Jharkhand (झारखंड) के गवर्नर रमेश बैस ने विधानसभा से पारित भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधेयक 2021 में दो बिंदुओं पर सुधार करने के लिए राज्य सरकार को वापस कर दिया है। विधेयक में एक जगह हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में विभिन्नता है। अशांत भीड़ की परिभाषा पर बैस ने फिर से विचार करने को कहा गया है।
अशांत भीड़ की परिभाषा बदलें
बताया जा रहा है कि राज्यपाल आपत्ति के अनुसार, दो या दो से अधिक व्यक्तियों के समूह को ‘अशांत भीड़’ नहीं कहा जा सकता। गौरतलब है कि विधानसभा से बीते वर्ष 21 दिसंबर को पारित होने के बाद सरकार ने इस विधेयक को कानून बनाने के लिए मंजूरी के लिये राजभवन भेजा था। कहां जा रहा है कि विधेयक लौट आने के पहले राज्यपाल रमेश बैस ने इस पर विधि परामर्श लिया था।