Ranchi News: शब्दकार साहित्यिक समूह द्वारा कल्याणी झा ‘कनक’ का यात्रा संस्मरण ‘नई दिल्ली से इंडियाना वाया पेरिस’ का लोकार्पण राँची प्रेस क्लब में किया गया। इस अवसर पर एक परिचर्चा आयोजित किया गया । अपने लेखकीय वक्तव्य में कल्याणी झा ‘कनक’ ने रचना यात्रा के बारे बताया कि अपने पुत्र और पुत्रवधू के पास इंडियाना जाना हुआ था, इस दौरान वहां की संस्कृति और स्थलों से जो परिचय हुआ, वो मैं लिखने से नहीं रोक सकी। य़ह यात्रा संस्मरण उसी अनुभव का शब्द रूप है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ विद्यानाथ मिश्र ‘विदीत’ ने कहा कि सभी विदेश नहीं जा सकते ऐसे में यह पुस्तक आधुनिक यात्रा का एलबम है। इसे पढ़कर भारत के लोग यहीं से अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं।
प्रसिद्ध कथाकार पंकज मित्र ने कहा कि स्त्री लेखन एक युगान्तकारी घटना है। कई कठिनाईयों से गुजरते हुए लिखना बहुत बड़ी बात है। यह कृति उन मध्यवर्गीय भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अमेरिका जाना चाहते हैं, लेकिन जा नहीं पाते।
इस यात्रा संस्मरण के बारे में साहित्यकार अनीता रश्मि ने कहा कि कल्याणी झा ने बहुत ही आत्मीयता से अमेरिका की संस्कृति, ऐतिहासिकता के साथ-साथ वहाँ के स्थलों का वर्णन किया है। ‘शब्दकार’ की अध्यक्ष रश्मि शर्मा ने कहा कि जीवन को देखने का व्यापक दृष्टिकोण होना चाहिए। यह कृति भी पूर्वाग्रह से मुक्त सांस्कृतिक अनुभवों का विस्तार है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि यात्रा संस्मरण ऐसा जीवंत हो कि पढ़ते समय ऐसा लगे कि पाठक स्वयं यात्रा कर रहा हो। इस पुस्तक में यही खूबी है।
कार्यक्रम का सफल संचालन अनामिका प्रिया ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रतिभा मिश्र ने किया।

इस अवसर पर शब्दकार कि उपाध्यक्ष संगीता कुजारा टॉक, रीता गुप्ता, राजीव थेपड़ा, जय माला, अंशुमिता शेखर के साथ-साथ शहर के गणमान्य साहित्यकार, प्रो अरूण कुमार, कुमार विजेंद्र, राकेश रमण, सुरिंदर कौर नीलम, सोनू कृष्णन, अनुपम श्री, रेणु झा, सुमिता सिन्हा, मधुमिता साहा, सुनीता अग्रवाल, चारूमित्रा, कविता सिंह, मीरा सिंह, सदानंद यादव, लोकृति गुप्ता, नरेश बांका आदि उपस्थित रहें।